बीड में रेलवे आ गई! पंकजा मुंडे की आंखें भर आईं, बोलीं- "भावना शब्दों से परे है", जानिए कैसे हुआ दशकों के सपने को साकार
आज बीड के इतिहास में वो ऐतिहासिक पल आ गया है जिसका बीडवासियों को दशकों से इंतजार था। आखिरकार बीड में रेलवे सेवा का शुभारंभ हो गया है और ये सपना सच हो गया है। इस ऐतिहासिक पल पर राज्य मंत्री पंकजा मुंडे की आंखें भर आईं और उन्होंने कहा कि ये भावना शब्दों से परे है। उन्होंने कहा कि ये पल उनके लिए बेहद भावुक कर देने वाला है और ये सपना सच होने जैसा है। बीड रेलवे का ये प्रोजेक्ट 261 किलोमीटर लंबा है और इसके लिए 2856 करोड़ रुपये की लागत आई है । इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई दशक लग गए और कई नेताओं ने इसके लिए संघर्ष किया।
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कैसे हुई बीड रेलवे की शुरुआत
बीड रेलवे प्रोजेक्ट की शुरुआत कई साल पहले हुई थी मगर कई कारणों से ये रुकता रहा और आगे बढ़ता रहा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर काम किया और आखिरकार आज ये सपना सच हो गया। नगर-बीड-परली रेलवे मार्ग का काम पूरा हो गया है और अब ट्रेनें बीड तक चलने लगी हैं । इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में ही कई नेताओं ने अहम भूमिका निभाई थी और आज उन्हीं की वजह से ये संभव हो पाया है।
पंकजा मुंडे की भावुक प्रतिक्रिया
इस ऐतिहासिक पल पर पंकजा मुंडे की प्रतिक्रिया बेहद भावुक थी। उन्होंने कहा, "आज बीड रेल्वे सेवेचा शुभारंभ होतोय, या भावना शब्दांच्या पलीकडच्या आहेत। यापेक्षाही मोठा कार्यक्रम घ्यायचा होता। पंतप्रधान नरेंद्र मोदी व देवेंद्र फडणवीस यांचे विशेष आभार"। उन्होंने आगे कहा कि ये पल उनके लिए बेहद खास है और वो इसके गवाह बन पाएं ये उनके लिए सौभाग्य की बात है। पंकजा मुंडे ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में जिन सभी लोगों ने योगदान दिया है उनका आभार जताया और कहा कि उनके बिना ये संभव नहीं था।
बीड रेलवे: 'आज भावनाएँ शब्दों से परे हैं..' बीड में रेलवे आ गई है, पंकजा मुंडे की पहली प्रतिक्रिया
बीड रेलवे: जनप्रतिनिधियों के दशकों के अथक प्रयासों और बीड के नागरिकों के अथक प्रयासों के बाद, यह सपना साकार हो रहा है। बीड में रेलवे के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयास चल रहे हैं।
मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा, "आज बीड रेलवे सेवा का उद्घाटन हो रहा है, ये भावनाएँ शब्दों से परे हैं। हम इससे भी बड़ा कार्यक्रम चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस का विशेष धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा, "आज बीड रेलवे सेवा का उद्घाटन हो रहा है, इस अवसर की भावनाएँ शब्दों से परे हैं। जिस क्षण का हम दशकों से इंतज़ार कर रहे थे, वह आ गया है। एक बड़ा कार्यक्रम, एक युद्ध कार्यक्रम, आयोजित किया जाना था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विशेष आभार व्यक्त करना चाहती हूँ। उन्होंने इसके लिए विशेष प्रावधान किए। जिन्होंने इस रेलवे लाइन के लिए संघर्ष किया। मैं उन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ।"
कई जन-प्रतिष्ठाओं के दशकों के अनुसरण और बीड के नागरिकों के अथक प्रयासों के बाद, यह सपना साकार हो रहा है। बीड रेलवे के लिए पिछले कई वर्षों से प्रयास किए जा रहे थे। अहमदनगर-बीड-परली रेलवे लाइन का काम तेज़ी से शुरू हो रहा था। रेल बजट में इसके लिए 275 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। यह मध्य रेलवे की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। नगर-बीड-परली रेलवे लाइन कुल 261.25 किलोमीटर लंबी है।
बीड रेलवे उद्घाटन कार्यक्रम में गोपीनाथ मुंडे की तस्वीर प्रदर्शित की गई। मुंडे समर्थकों ने तस्वीरें दिखाकर उत्साहवर्धन किया। वहीं, सांसद बजरंग सोनवणे की तस्वीरें भी प्रदर्शित की गईं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार रेलवे स्टेशन पहुँच चुके हैं और कई जनप्रतिनिधि भी पहुँच चुके हैं। मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद, ट्रेन बीड से अहिल्यानगर जाएगी।
दबंग सांसद के रूप में पट्टिका
अहिल्यानगर बीड रेलवे का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न दलों के कार्यकर्ता और नागरिक भारी संख्या में एकत्रित हुए थे। इस अवसर पर मुंडे समर्थकों ने दिवंगत जननेता गोपीनाथ मुंडे की तस्वीरें दिखाते हुए मुंडे साहब अमर रहे के नारे लगाए, जबकि शरद पवार गुट के सांसद बजरंग सोनवणे की दबंग सांसद के रूप में लिखी तख्ती भी दिखाई गई। इसलिए सबका ध्यान इन दोनों तख्तियों पर केंद्रित था।
दशकों का सपना आखिर हुआ साकार
बीडवासियों का दशकों पुराना सपना आखिरकार सच हो गया है। कई सालों से बीड में रेलवे आने का इंतजार किया जा रहा था और आज वो दिन आ गया है। इस सपने को सच होते देख बीडवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं है और वो इस जश्न में शामिल हो रहे हैं। बीड रेलवे स्टेशन पर आज सैकड़ों लोग जमा हुए हैं और ट्रेन के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। ये सपना सच होने जैसा है और बीडवासी इसे भुला नहीं पाएंगे।
किन नेताओं ने निभाई अहम भूमिका
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे, स्वर्गीय विलासराव देशमुख, स्वर्गीय केशर काकू क्षीरसागर, और स्वर्गीय अमोल गलधर जैसे नेताओं ने इस प्रोजेक्ट के लिए कड़ा संघर्ष किया । इन नेताओं ने केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक इस मुद्दे को उठाया और इसे पूरा करने की कोशिश की। आज इन्हीं नेताओं की वजह से ये सपना सच हो पाया है और बीडवासियों को रेलवे की सुविधा मिल पाई है।
राजनीतिक महत्व और समीकरण
बीड रेलवे प्रोजेक्ट का राजनीतिक महत्व भी काफी ज्यादा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर कई राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं और अपना श्रेय लेने की कोशिश की है। आज के उद्घाटन समारोह में भी कई नेताओं के फोटो झलकाए गए और उनके समर्थकों ने जयघोष किए। पंकजा मुंडे और बजरंग सोनवणे जैसे नेताओं के फोटो भी दिखाए गए और उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इससे साफ जाहिर होता है कि इस प्रोजेक्ट का राजनीतिक महत्व कितना ज्यादा है।
बीडवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं
बीडवासी आज बेहद खुश हैं और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। कई सालों के इंतजार के बाद आज उन्हें रेलवे की सुविधा मिल गई है और अब वो आसानी से दूसरे शहरों की यात्रा कर पाएंगे। बीड रेलवे स्टेशन पर आज सैकड़ों लोग जमा हुए हैं और ट्रेन के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। कई लोग तो पहली बार ट्रेन देख रहे हैं और उनकी खुशी देखने लायक है। बीडवासियों के लिए आज का दिन एक त्योहार से कम नहीं है।
आर्थिक विकास पर पड़ेगा सकारात्मक असर
बीड में रेलवे आने से आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। अब व्यापारियों को माल ढोने में आसानी होगी और लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। रेलवे की वजह से बीड का विकास तेजी से होगा और ये इलाका देश के नक्शे पर उभरेगा। बीडवासियों को अब यात्रा करने में आसानी होगी और वो दूसरे शहरों में आसानी से जा सकेंगे। इससे बीड की economy को काफी फायदा होगा और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा।
भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं
बीड में रेलवे आने के बाद अब भविष्य में और भी कई योजनाएं हैं। सरकार का plan है कि बीड को देश के बड़े शहरों से रेलवे के जरिए जोड़ा जाए और यहां के विकास को गति दी जाए। आने वाले समय में बीड में और भी रेलवे लाइनें बिछाई जाएंगी और यहां का infrastructure develop किया जाएगा। इससे बीड का भविष्य उज्ज्वल होगा और ये शहर तरक्की की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
सामाजिक प्रभाव और बदलाव
बीड में रेलवे आने से सामाजिक जीवन पर भी काफी असर पड़ेगा। अब लोग आसानी से दूसरे शहरों में जा सकेंगे और अपने रिश्तेदारों से मिल सकेंगे। students को पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जाने में आसानी होगी और मरीजों को इलाज के लिए बड़े hospitals तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इससे बीडवासियों का जीवन आसान होगा और उन्हें काफी फायदा होगा।
चुनौतियां और संघर्ष की कहानी
बीड रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कई बार ये प्रोजेक्ट रुका और कई बार आगे बढ़ा। निधी की कमी, राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी, और प्रशासनिक अड़चनों की वजह से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में काफी वक्त लग गया। मगर आखिरकार सबके संघर्ष और मेहनत की वजह से ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया और बीडवासियों का सपना सच हो गया।
उद्घाटन समारोह की झलकियां
आज के उद्घाटन समारोह में कई नेता और अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बने। पंकजा मुंडे, बजरंग सोनवणे, और अजित पवार जैसे नेता भी इस मौके पर मौजूद थे और उन्होंने इस सफलता का श्रेय लिया। समारोह में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और खुशी का इजहार किया।
निष्कर्ष: एक नए युग की शुरुआत
बीड में रेलवे आने से एक नए युग की शुरुआत हो गई है। अब बीडवासियों का जीवन आसान होगा और उन्हें काफी फायदा होगा। इस सफलता के पीछे कई लोगों की मेहनत और संघर्ष है और उन सभी को इसका श्रेय जाता है। आने वाले समय में बीड और तरक्की करेगा और देश के विकास में अपना योगदान देगा। ये सपना सच होने जैसा है और बीडवासी इसे हमेशा याद रखेंगे।
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