पुणे के नवाले ब्रिज पर फिर हुआ भीषण हादसा। लावणी डांसर गौतमी पाटिल की कार का ऑटोरिक्शा से टक्कर, तीन लोग घायल। क्या ये ब्रिज बन गया है मौत का जाल।
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| गौतमी पाटिल की कार नवाले ब्रिज पर हुई दुर्घटनाग्रस्त, 3 घायल |
पुणे के नवाले ब्रिज ने एक बार फिर एक भीषण सड़क हादसे को जन्म दे दिया है। इस बार इस हादसे में महाराष्ट्र की मशहूर लावणी डांसर गौतमी पाटिल की कार शामिल है। यह हादसा बुधवार 1 अक्टूबर 2025 को नवाले ब्रिज के पास वडगांव इलाके में हुआ। जहां गौतमी पाटिल की कार ने एक ऑटोरिक्शा से जोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर में तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गए। खबरों के मुताबिक गौतमी पाटिल खुद इस हादसे के वक्त कार में मौजूद नहीं थी। उनकी गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था। हादसे के बाद सिन्हगढ़ रोड पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है। पुलिस उसके खिलाफ रैश ड्राइविंग का मामला दर्ज करने की तैयारी में है। नवाले ब्रिज पर ये कोई पहला हादसा नहीं है। बल्कि ये तो बस एक कड़ी है लगातार हो रही दुर्घटनाओं की। इस एक हादसे ने एक बार फिर से नवाले ब्रिज को सुरक्षित बनाने की मांग को तेज कर दिया है।
गौतमी पाटिल कार एक्सीडेंट की पूरी कहानी क्या है
| गौतमी पाटिल की कार नवाले ब्रिज पर हुई दुर्घटनाग्रस्त, 3 घायल |
गौतमी पाटिल कार एक्सीडेंट की बात करें तो यह हादसा पुणे के वडगांव बुद्रुक इलाके में हुआ। यह इलाका नवाले ब्रिज के पास ही आता है और मुंबई-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित है। गौतमी पाटिल की कार एक होटल के बाहर खड़े ऑटोरिक्शा से जा टकराई। इस टक्कर का असर इतना जबरदस्त था कि ऑटोरिक्शा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। ऑटोरिक्शा में सवार ड्राइवर समाजी विठ्ठल मार्गले को गंभीर चोटें आई हैं। इसके अलावा ऑटोरिक्शा में सवार दो और यात्री भी घायल हुए हैं। सभी घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने गौतमी पाटिल के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं ड्राइवर ने शराब पीकर तो गाड़ी नहीं चलाई थी। अगर ऐसा पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौतमी पाटिल कौन हैं और क्यों हैं चर्चा में
गौतमी पाटिल महाराष्ट्र की एक जानी-मानी लावणी डांसर और फोक आर्टिस्ट हैं। उनका जन्म सोलापुर में हुआ था और वह शिंदखेड़ा गांव से ताल्लुक रखती हैं। अपने एक्सप्रेसिव डांस और जोशीले परफॉर्मेंस के कारण उन्होंने महाराष्ट्र में खासी शोहरत हासिल की है। ग्रामीण इलाकों में मेलों और त्योहारों के दौरान उनके डांस प्रोग्राम्स की खासी धूम रहती है। हाल के वर्षों में उन्होंने मराठी फिल्मों और म्यूजिक वीडियोज में भी कदम रखा है। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोवर्स हैं और उन्हें अक्सर "महाराष्ट्रियन डांस क्वीन" के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि उन पर लावणी के नाम पर अश्लील डांस करने के आरोप भी लगते रहे हैं। फरवरी 2023 में उनकी एक विवादास्पद वीडियो वायरल हो गई थी जिसके बाद पुणे पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इस एक्सीडेंट ने उन्हें एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
| Gautami Patil |
नवाले ब्रिज क्यों बन गया है एक्सीडेंट जोन
नवाले ब्रिज पुणे का सबसे खतरनाक एक्सीडेंट जोन बन चुका है। यह ब्रिज मुंबई-बेंगलुरु हाईवे पर कातरज सुरंग और वडगांव ब्रिज के बीच चार किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इस इलाके में लगातार हो रहे हादसों ने इसे एक डेंजर जोन में तब्दील कर दिया है। ट्रैफिक एक्सपर्ट्स और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस इलाके में हादसे होने के कई कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण है ब्रिज की ढलान जो काफी खड़ी है। जब वाहन इस ढलान से नीचे उतरते हैं तो अचानक ब्रेक लगाने में दिक्कत होती है और रियर-एंड एक्सीडेंट हो जाते हैं। इसके अलावा सर्विस रोड्स का ना होना भी एक बड़ी समस्या है। सर्विस लेन ना होने के कारण दोपहिया वाहनों से लेकर भारी ट्रक तक सभी को मेन हाईवे पर ही चलना पड़ता है जिससे कंजेशन बढ़ता है और एक्सीडेंट का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
ट्रक ड्राइवरों की आदतें बन रही हैं हादसों की वजह
नवाले ब्रिज पर होने वाले हादसों में ट्रक ड्राइवरों की कुछ आदतें भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। कई ट्रक ड्राइवर ढलान पर वाहन चलाते समय ईंधन बचाने के लिए न्यूट्रल गियर में वाहन चलाते हैं। ऐसा करने से उनकी ब्रेक पर पूरा कंट्रोल नहीं रहता और इमरजेंसी की स्थिति में वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाते। इसी तरह की एक घटना मई 2025 में भी हुई थी जब एक ट्रक के ब्रेक फेल हो गए थे और उसने एक बाइक सवार को कुचल दिया था। उस हादसे में बाइक सवार राहुल जगन्नाथ खटपे की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके अलावा खराब इंफ्रास्ट्रक्चर भी हादसों को न्योता दे रहा है। क्रैश बैरियर्स की कमी, नोटिस बोर्ड्स का अभाव, पैदल यात्रियों के लिए वॉकवे ना होना और ओवरब्रिज ना होना जैसी कमियां इस इलाके को और भी खतरनाक बना देती हैं। चौबीसों घंटे भारी वाहनों का ट्रैफिक भी हादसों की एक बड़ी वजह बनता जा रहा है। दक्षिणी राज्यों से मुंबई जाने वाले सामान के ट्रक इस रूट का इस्तेमाल करते हैं जिससे ट्रैफिक का बोझ और बढ़ जाता है।
नवाले ब्रिज पर पहले भी हो चुके हैं कई भीषण हादसे
| Navale Bridge |
नवाले ब्रिज पर गौतमी पाटिल की कार का हादसा कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी यहां कई भीषण हादसे हो चुके हैं। मई 2025 में एक ट्रक के ब्रेक फेल होने से एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। उस हादसे में ट्रक ने दो ऑटोरिक्शा और एक और बाइक से भी टक्कर मारी थी। इसके अलावा हाल ही में एक टैंकर की वजह से हुए मल्टी-व्हीकल एक्सीडेंट में 48 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उस हादसे के महज दो दिन बाद ही दो और हादसे हुए थे। पहले हादसे में एक स्पीडिंग ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी और डिवाइडर से जा टकराया। दूसरे हादसे में एक कंटेनर ने दो कारों और एक बस में टक्कर मार दी। इन हादसों के बाद पुलिस कमिश्नर, ट्रैफिक डीसीपी, एनएचएआई के अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मीटिंग भी हुई थी लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
नवाले ब्रिज को सुरक्षित बनाने के लिए क्या उपाय जरूरी हैं
नवाले ब्रिज को सुरक्षित बनाने के लिए ट्रैफिक एक्सपर्ट्स ने कई जरूरी उपाय सुझाए हैं। इनमें सबसे पहले तो ब्रिज की ढलान की खड़ापन कम करना शामिल है। इसके अलावा नवाले ब्रिज और वडगांव ब्रिज के बीच प्रॉपर सर्विस रोड्स का निर्माण करना बेहद जरूरी है। सेफ्टी बैरियर्स, साइनेज और पैदल यात्री क्रॉसिंग की समुचित व्यवस्था करने से भी हादसों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना और ड्राइवरों को ढलान पर न्यूट्रल गियर में वाहन चलाने से रोकना भी एक अहम कदम होगा। वाहन मालिकों के बीच सख्त अनुशासन को बढ़ावा देना और उन्हें ढलान पर वाहन रोकने से हतोत्साहित करना भी जरूरी है। अगर इन उपायों पर अमल किया जाए तो नवाले ब्रिज पर होने वाले हादसों में काफी कमी लाई जा सकती है।
पुलिस और प्रशासन क्या कर रहा है इन हादसों को रोकने के लिए
नवाले ब्रिज पर लगातार हो रहे हादसों के बाद पुलिस और प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं। हाल में हुए बड़े हादसे के बाद पुलिस कमिश्नर, ट्रैफिक डीसीपी, नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में इस खास इलाके में हादसों पर काबू पाने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों पर चर्चा की गई। हालांकि स्थानीय लोगों और कम्यूटर्स का कहना है कि इन उपायों का कार्यान्वयन अब तक अपर्याप्त है। पुलिस ने कुछ स्पॉट्स पर ट्रैफिक नियंत्रण के इंतजाम किए हैं और कुछ जगहों पर स्पीड ब्रेकर्स भी लगाए हैं लेकिन ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह एक ठोस एक्शन प्लान तैयार करे और उसे जल्द से जल्द लागू करे ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
सड़क हादसों में घायलों के लिए क्या है कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम
सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार ने एक कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत हादसे के शिकार लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मुहैया कराया जाता है। इस स्कीम का मकसद हादसे के बाद के गोल्डन आवर में घायलों को तुरंत इलाज मुहैया कराना है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। पुलिस कर्मी हादसे की डिटेल्स ई-डीएआर (ई-डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) पोर्टल पर अपलोड करते हैं। इसके बाद घायल के इलाज के लिए एक ट्रांजैक्शन मैनेज्ड आईडी (टीएमएस) ऑनलाइन बनाई जाती है। हादसों की रिपोर्ट 112 डायल करके की जा सकती है और पुलिस 108 एंबुलेंस सर्विसेज के साथ समन्वय करके घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाती है। यह पहल नेशनल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा समर्थित है और यह सुनिश्चित करती है कि पीड़ितों को भुगतान की चिंता किए बिना तत्काल देखभाल मिले।
नवाले ब्रिज के हादसों ने क्यों बढ़ाई सरकार की मुश्किलें
नवाले ब्रिज पर लगातार हो रहे हादसों ने सरकार और प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। आम जनता की ओर से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस ब्रिज को लेकर अब तक कोई ठोस समाधान क्यों नहीं निकाला गया। सड़क इंजीनियरिंग, कानून के प्रवर्तन और ड्राइवरों के व्यवहार पर सवाल उठ रहे हैं। नागरिक निकायों और हाईवे अधिकारियों ने कुछ सुरक्षा उपायों का प्रस्ताव तो रखा है लेकिन कम्यूटर्स का कहना है कि कार्यान्वयन अभी भी अपर्याप्त है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द एक व्यापक योजना के तहत काम शुरू करे। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में और भी भीषण हादसे हो सकते हैं। इसलिए सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह तुरंत कार्रवाई करे।
हादसे के बाद गौतमी पाटिल की क्या प्रतिक्रिया रही
गौतमी पाटिल के कार एक्सीडेंट के बाद अभी तक उनकी तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि खबरों के मुताबिक वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इस हादसे के वक्त वह कार में मौजूद नहीं थीं। उनके चाहने वालों और फैंस में इस हादसे को लेकर चिंता का माहौल है। सोशल मीडिया पर भी इस हादसे की खूब चर्चा हो रही है। कई लोग गौतमी पाटिल की सुरक्षा के लिए दुआएं कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग नवाले ब्रिज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि गौतमी पाटिल खुद इस मामले पर क्या बयान देती हैं और क्या वह घायलों की मदद के लिए आगे आती हैं। अगर वह ऐसा करती हैं तो यह एक सराहनीय कदम होगा।
नवाले ब्रिज के हादसों का स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है
नवाले ब्रिज पर लगातार हो रहे हादसों का स्थानीय लोगों की जिंदगी पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इस इलाके से गुजरने वाले लोग हमेशा डरे और सहमे रहते हैं। कई लोगों ने तो इस रास्ते से जाना ही छोड़ दिया है और वे दूसरे रास्तों से सफर करते हैं भले ही उन रास्तों में ज्यादा समय लगता हो। स्थानीय व्यापारियों का भी नुकसान हो रहा है क्योंकि हादसों और ट्रैफिक जाम की वजह से लोग उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पाते। रोजाना के हादसों और ट्रैफिक जाम ने लोगों का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि वह इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाले ताकि उनकी जिंदगी सामान्य हो सके।
नवाले ब्रिज की सुरक्षा को लेकर क्या है भविष्य की योजना
नवाले ब्रिज की सुरक्षा को लेकर भविष्य में क्या योजनाएं हैं, इस बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि एनएचएआई और प्रशासनिक अधिकारियों की हुई बैठकों में कुछ उपायों पर चर्चा जरूर हुई है। इनमें ब्रिज की ढलान में बदलाव, सर्विस रोड्स का निर्माण, अतिरिक्त सुरक्षा बैरियर्स का इंस्टालेशन और बेहतर ट्रैफिक नियंत्रण व्यवस्था शामिल है। लेकिन अभी तक इन योजनाओं पर अमल शुरू नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों और ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर जल्द ही इन उपायों पर अमल नहीं किया गया तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सरकार को चाहिए कि वह एक टाइमलाइन तय करे और उसके अनुसार काम शुरू करे ताकि लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।
निष्कर्ष और कल टू एक्शन
पुणे का नवाले ब्रिज अब एक मौत का पुल बन चुका है। गौतमी पाटिल की कार का हादसा इस बात का एक और सबूत है कि इस पुल पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वह ट्रैफिक एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए उपायों को तुरंत लागू करे। ब्रिज की ढलान को कम करना, सर्विस रोड्स का निर्माण करना, सुरक्षा बैरियर्स लगाना और ट्रैफिक नियंत्रण को सख्त करना जैसे कदम उठाने होंगे। आम जनता की भी जिम्मेदारी है कि वह सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करे और वाहन चलाते समय सजग रहे। अगर आप इस इलाके से गुजरते हैं तो विशेष सावधानी बरतें। इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि लोगों तक यह जानकारी पहुंच सके और सबको सचेत किया जा सके। आखिर में, हम घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।
❓ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. गौतमी पाटिल का एक्सीडेंट कब और कहां हुआ?
👉 एक्सीडेंट पुणे के नवाले ब्रिज पर हुआ।
Q2. इस हादसे में कितने लोग घायल हुए?
👉 हादसे में 3 लोग घायल हुए हैं।
Q3. नवाले ब्रिज को एक्सीडेंट ज़ोन क्यों कहा जाता है?
👉 यहां लगातार ट्रैफिक और स्पीड के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
Q4. क्या गौतमी पाटिल को गंभीर चोट आई है?
👉 शुरुआती जानकारी के मुताबिक उन्हें गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन जांच जारी है।
Q5. नवाले ब्रिज पर हादसे रोकने के लिए प्रशासन क्या कदम उठा रहा है?
👉 प्रशासन ने ट्रैफिक कंट्रोल और स्पीड लिमिट के लिए सख्ती के आदेश दिए हैं, पर हादसे लगातार हो रहे हैं।
⚠️ अस्वीकरण (Disclaimer):
इस खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया अपडेट्स पर आधारित है। घटनाओं की पुष्टि के लिए आधिकारिक पुलिस रिपोर्ट या स्थानीय प्रशासन की जानकारी देखी जाए।
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