मार नहीं डालना था: गुजरात स्टूडेंट मर्डर चैट ने खोला खौफनाक सच

टाइटल: गुजरात का वो डरावना स्कूल मर्डर: 'मार नहीं डालना था' चैट ने बढ़ाया सस्पेंस, पूरा केस हुआ पलटा!

अहमदाबाद का वो दिन जब एक स्कूल के बाहर खेलते खेलते मासूमियत मौत के आगे हार गई। जी हां, हम बात कर रहे हैं Seventh-Day Adventist स्कूल के उस हादसे की जहां दसवीं क्लास के मासूम नयन संतानी को उसके ही जूनियर ने चाकू भोंक दिया। लेकिन अब इस केस में एक नया और डरावना मोड़ आया है 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट के साथ। ये चैट अब पूरे गुजरात स्टूडेंट मर्डर केस को एक नई दिशा दे रही है।

अहमदाबाद स्कूल स्टूडेंट मर्डर केस में 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट वायरल


'Maar Nahi Daalna Tha' चैट ने खोला पर्दा

जब पुलिस ने आरोपी बच्चे के मोबाइल की जांच शुरू की तो उन्हें एक इंस्टाग्राम चैट मिली जिसने पूरे केस का नक्शा ही बदल दिया। इस चैट में आरोपी ने अपने एक दोस्त को मैसेज में लिखा कि 'हां मैंने ही मारा है, लेकिन मार नहीं डालना था'। ये 'Maar Nahi Daalna Tha' वाली लाइन अब सबूत बन चुकी है और लोगों के दिमाग में सवाल पैदा कर रही है कि आखिर ये लाइन क्यों बोली गई।

आरोपी और उसके दोस्त की डरावनी बातचीत

चैट की डीटेल्स सामने आई हैं कि जब आरोपी के दोस्त ने उससे पूछा कि क्या तूने ही नयन को चाकू मारा है तो पहले तो वो टालता रहा। फिर धीरे धीरे उसने कबूला कि हां उसने ही वार किया। लेकिन फिर अगले ही पल उसने ये भी कहा कि 'Maar Nahi Daalna Tha'। ये शब्द सुनकर ऐसा लगता है जैसे उसे अपनी गलती का अहसास हो गया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

स्कूल गेट के बाहर हुई थी खूनी झड़प

घटना उस वक्त की है जब स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी और बच्चे घर जाने के लिए निकल रहे थे। तभी आरोपी और उसके कुछ साथियों ने नयन को घेर लिया और बातों बातों में बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि आरोपी ने जेब से चाकू निकाल लिया और नयन के पेट में वार कर दिया। 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट के बाद अब इस बहस की वजह भी सामने आनी बाकी है।

CCTV कैमरे ने कैद किया दर्दनाक मंजर

स्कूल के बाहर लगे CCTV कैमरे ने वो दर्दनाक वक्त कैद कर लिया जब नयन चाकू खाने के बाद पेट पकड़कर स्कूल की तरफ भागा। उसकी आंखों में डर और दर्द साफ देखा जा सकता था। उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए। अब 'Maar Nahi Daalna Tha' वाली चैट उस वीडियो को देखकर और भी ज्यादा डरावनी लगने लगी है।

आरोपी की उम्र और कानून का सवाल

आरोपी सिर्फ 8वीं क्लास का स्टूडेंट है और उसकी उम्र 14 साल के आसपास बताई जा रही है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सजा मिलेगी या फिर उसे वयस्क मानकर केस चलेगा। कई लोगों का कहना है कि 'Maar Nahi Daalna Tha' कहकर वो अपने अपराध को हल्का करना चाहता है लेकिन कानून की नजर में ये कोई माफी नहीं हो सकती।

सोशल मीडिया पर आया तूफान

इस 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सऐप हर जगह ये चैट वायरल हो रही है। लोग हैरान हैं कि इतनी कम उम्र के बच्चे इतनी बड़ी हिंसा कर रहे हैं। हर कोई 'Maar Nahi Daalna Tha' लाइन को शेयर कर रहा है और नयन के परिवार के लिए दुख जता रहा है।

अहमदाबाद में उतरे माता पिता सड़कों पर

घटना के बाद सैकड़ों की तादाद में पैरेंट्स स्कूल के बाहर जमा हो गए। उनका गुस्सा स्कूल प्रबंधन और पुलिस पर था। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों के हाथ में हथियार आ रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। कई लोगों ने सीधे स्कूल वालों को जिम्मेदार ठहराया और सख्त कार्रवाई की मांग की।

आरोपी के दिमाग में चल रहा था क्या

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इतनी कम उम्र में इस तरह की हिंसा बच्चों में बढ़ती हुई आक्रामकता को दिखाती है। 'Maar Nahi Daalna Tha' कहना शायद उसके अंदर के अपराध बोध को दिखाता है लेकिन सवाल ये है कि क्या इससे नयन की जान वापस आ सकती है। सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स का बच्चों के दिमाग पर कितना बुरा असर पड़ रहा है ये केस उसी की तरफ इशारा कर रहा है।

पुलिस की जांच में 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट बनी सबूत

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और इस 'Maar Nahi Daalna Tha' वाली चैट को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। लेकिन जनता के मन में सवाल है कि क्या सिर्फ 'Maar Nahi Daalna Tha' कह देने से कोई बच्चा अपने जुर्म से बच सकता है। पुलिस अब इस चैट के आधार पर और गहरी जांच कर रही है।

पड़ोसियों ने क्या कहा आरोपी के बारे में

आरोपी के घर के आसपास रहने वाले लोग अब कुछ बोलने से डर रहे हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है कि वो शांत और पढ़ाकू बच्चा था। कोई नहीं समझ पा रहा है कि उसने इतना बड़ा जुर्म कैसे कर दिया। 'Maar Nahi Daalna Tha' वाली बात सुनकर तो उन्हें और भी ज्यादा हैरानी हुई है।

नयन के परिवार का टूटा दिल

नयन के घर में मातम का माहौल है। उसकी मां बार बार बेहोश हो रही हैं और स्कूल प्रशासन से सवाल कर रही हैं कि उनके बच्चे की सुरक्षा क्यों नहीं की गई। 'Maar Nahi Daalna Tha' चैट का जिक्र होते ही उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। पूरा परिवार सदमे में है और न्याय की गुहार लगा रहा है।

जनता के मन में उठते सवाल

लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या 'Maar Nahi Daalna Tha' कहकर आरोपी सजा से बच सकता है? क्या जुवेनाइल एक्ट में अब बदलाव की जरूरत है? छोटे छोटे बच्चे हथियार लेकर स्कूल कैसे पहुंच रहे हैं? क्या स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम ठीक नहीं हैं? ये सारे सवाल इस 'Maar Nahi Daalna Tha' वाले केस के बाद और मजबूत हो गए हैं।

'Maar Nahi Daalna Tha' बना सोशल मीडिया ट्रेंड

हर जगह इसी लाइन की चर्चा है। 'Maar Nahi Daalna Tha' अब सिर्फ एक वाक्य नहीं रह गया है बल्कि ये हमारे समाज की उस सच्चाई को दिखाता है जहां नौजवानों में हिंसा बढ़ती जा रही है। लोग इसे शेयर कर रहे हैं और इसके पीछे के मतलब को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

भविष्य के लिए खतरे की घंटी

ये केस सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए खतरे की घंटी है। अगर अभी से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वक्त में 'Maar Nahi Daalna Tha' जैसे बहाने हर केस में सुनने को मिलेंगे। स्कूलों, घरों और समाज को मिलकर इस पर काम करना होगा।

पब्लिक इम्पैक्ट एनालिसिस

'Maar Nahi Daalna Tha' चैट ने पूरे देश का ध्यान इस केस की तरफ खींचा है। इसने साफ कर दिया है कि बच्चों में बढ़ती हिंसा को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समाज, स्कूल, सरकार और माता पिता सभी को मिलकर इस पर काम करना होगा। मानसिक स्वास्थ्य, सोशल मीडिया की लत और हिंसक खेलों पर रोक लगाने की जरूरत है। वरना ऐसे हादसे आम होते जाएंगे। ये केस हम सभी से एक सवाल पूछ रहा है - क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं? क्या हम उनकी परवरिश ठीक से कर पा रहे हैं? अब वक्त आ गया है कि हम इन सवालों के जवाब ढूंढें और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करें।

इस 'Maar Nahi Daalna Tha' वाले केस ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। अब सवाल ये है कि आप क्या कर सकते हैं? अपने बच्चों के साथ वक्त बिताएं, उनकी दोस्ती करें, उनकी परेशानियां सुनें। उनके मोबाइल और सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखें। अगर आपको कोई शक हो तो तुरंत किसी एक्सपर्ट से सलाह लें। स्कूल प्रशासन से बात करें और सुरक्षा इंतजामों के बारे में पूछताछ करें। याद रखिए, एक छोटी सी लापरवाही किसी की जान ले सकती है। आपके एक कदम से किसी का भविष्य बच सकता है। आज ही संकल्प लें कि आप अपने आसपास के बच्चों की सुरक्षा और भलाई के लिए जागरूक रहेंगे।

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