एशिया कप 2025: पिता ने सलेक्टर्स पर किया हमला – कप्तान मत बनाओ

श्रेयस अय्यर का दिल तोड़ा, सेलेक्टर्स पर पिता का गुस्सा फूटा - "कप्तान मत बनाओ, पर टीम में तो ले लो!"

आज की ताज़ा खबर NEWS - 21 अगस्त 2025

 Indian Cricket Team Selection Controversy

भारतीय क्रिकेट टीम के सेलेक्टर्स पर एक पिता का दर्द और गुस्सा एक साथ फूट पड़ा है। एशिया कप 2025 के लिए घोषित भारतीय टीम में श्रेयस अय्यर का नाम ना देखकर उनके पिता संतोष अय्यर का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने सेलेक्टर्स पर सीधा निशाना साध दिया। उनका कहना है कि उनके बेटे को कप्तान तो ना बनाओ लेकिन कम से कम टीम में तो जगह दो। लगातार आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बावजूद श्रेयस अय्यर का टीम इंडिया में वापसी का सफर रुका हुआ है और ये मामला अब एक बड़ा विवाद बनता जा रहा है। श्रेयस अय्यर के पिता का दर्द भरा बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और क्रिकेट प्रेमी सेलेक्टर्स के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।

पिता का दिल दहल गया बेटे के साथ हुआ अन्याय

श्रेयस अय्यर के पिता संतोष अय्यर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अपने दिल की बात कही। उनकी आवाज में निराशा का पुट साफ महसूस किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि श्रेयस को टीम में जगह ना मिलने पर निराशा तो जरूर हुई होगी लेकिन वो किसी को दोष नहीं दे रहे। ये बात सुनकर ऐसा लगता है जैसे एक पिता का दिल टूट गया हो अपने ही बेटे के सपनों को टूटता हुआ देखकर। सेलेक्टर्स के इस फैसले ने न सिर्फ श्रेयस बल्कि उनके पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है।

क्या श्रेयस अय्यर के साथ हो रहा है भेदभाव?

संतोष अय्यर का सवाल बहुत मासूम और सीधा है। उन्होंने पूछा कि मुझे नहीं पता कि श्रेयस को भारतीय टी20 टीम में जगह बनाने के लिए और क्या करना होगा। ये सवाल हर उस क्रिकेट प्रेमी के मन में है जो श्रेयस अय्यर के खेल को फॉलो करता है। क्या वाकई श्रेयस अय्यर के साथ कोई भेदभाव हो रहा है? या फिर सेलेक्टर्स की नजर में उनकी काबिलियत कम है? ये सवाल अब हर जुबान पर है और जवाब की तलाश में पूरा क्रिकेट जगत हैरान है।

आईपीएल में मचाई धूम पर नहीं मिली टीम इंडिया में जगह

श्रेयस अय्यर का आईपीएल का रिकॉर्ड किसी से छुपा नहीं है। उनके पिता ने सही कहा कि वह साल दर साल आईपीएल में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली कैपिटल्स से लेकर कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स तक और वह भी एक कप्तान के रूप में। ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि श्रेयस अय्यर आईपीएल के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। फिर भी टीम इंडिया का दरवाजा उनके लिए बार बार बंद क्यों हो जाता है? ये सवाल सेलेक्टर्स की क्राइटेरिया पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

कप्तानी का हुनर साबित कर चुका है श्रेयस अय्यर

श्रेयस अय्यर के पिता ने जोर देकर कहा कि उन्होंने साल 2024 में केकेआर को चैंपियन बनाया जबकि आईपीएल 2025 में उन्होंने अपनी कप्तानी में पंजाब किंग्स को फाइनल में पहुंचाया। ये उपलब्धियां कोई मामूली नहीं हैं। आईपीएल जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में टीम को लीड करना और फाइनल तक पहुंचाना किसी बड़े खिलाड़ी की ही निशानी होती है। श्रेयस अय्यर ने ये साबित कर दिया है कि वो प्रेशर को हैंडल करना जानते हैं और बड़े मौकों पर परफॉर्म कर सकते हैं। फिर भी भारतीय टीम के सेलेक्टर्स उनकी इस काबिलियत को नजरअंदाज क्यों कर रहे हैं?

पिता की मन की बात - कप्तान नहीं, प्लेयर बनाकर रख लो

संतोष अय्यर का कहना है कि मैं ये नहीं कह रहा कि उन्हें भारतीय कप्तान बना दिया जाए, लेकिन कम से कम उन्हें टीम में तो चुना ही जाए। ये एक पिता की सीधी सी और मासूम सी दुआ है। वो नहीं चाहते कि उनका बेटा टीम का कप्तान बने, बस इतना चाहते हैं कि उसे खेलने का मौका तो मिले। ये बयान उनके दिल की गहराइयों से निकला है और हर किसी को छू गया है। एक पिता की ये पीड़ा समझ आना बहुत जरूरी है क्योंकि उन्होंने अपने बेटे के संघर्ष को बहुत करीब से देखा है।

श्रेयस अय्यर का नजरिया - मेरा नसीब है

सबसे दिलचस्प बात ये है कि खुद श्रेयस अय्यर इस पूरे मामले में काफी शांत और संयमित नजर आते हैं। उनके पिता ने बताया कि अगर उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया जाता है तो वे कभी असहमति नहीं जताते। वे बस यही कहते हैं कि मेरा नसीब है और अब आप कुछ नहीं कर सकते। ये बात दर्शाती है कि श्रेयस अय्यर एक मजबूत मानसिकता के खिलाड़ी हैं। वो हमेशा शांत और संयमित रहते हैं और टीम में नहीं चुने जाने के लिए वो किसी को दोष नहीं देता। ये उनके चरित्र की strength को दिखाता है।

एशिया कप 2024 की टीम में किसे मिला मौका

एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम में सूर्यकुमार यादव को कप्तानी मिली है जबकि शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया गया है। टीम में अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, संजू सैमसन, हर्षित राणा और रिंकू सिंह को जगह मिली है। इस टीम को देखकर लगता है कि सेलेक्टर्स ने यंग टैलेंट को प्राथमिकता दी है लेकिन श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी खिलाड़ी को इग्नोर करना कहां तक सही है?

क्या है सेलेक्टर्स की selection policy?

अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर भारतीय सेलेक्टर्स की selection policy क्या है? क्या सिर्फ आईपीएल में परफॉर्म करना काफी नहीं है? क्या एक खिलाड़ी को टीम इंडिया में जगह पाने के लिए और क्या करना पड़ेगा? श्रेयस अय्यर का केस selection policy पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या सेलेक्टर्स की नजर में आईपीएल परफॉर्मेंस को ज्यादा वेटेज नहीं मिलना चाहिए? ये सारे सवाल अब जवाब की दरकार रखते हैं।

फैंस का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा

श्रेयस अय्यर के पिता के बयान के बाद सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। #ShreyasIyer और #UnfairSelection जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। फैंस का कहना है कि सेलेक्टर्स ने श्रेयस अय्यर के साथ अन्याय किया है। कई लोगों ने तो ये तक कह दिया कि अगर आईपीएल में अच्छा परफॉर्म करने का यही नतीजा है तो फिर खिलाड़ी मोटिवेट कैसे होंगे? ये गुस्सा जायज भी लगता है क्योंकि एक तरफ तो बीसीसीआई आईपीएल को बढ़ावा देती है और दूसरी तरफ आईपीएल के परफॉर्मर को टीम में जगह नहीं मिलती।

पूर्व खिलाड़ियों ने उठाए सवाल

सिर्फ फैंस ही नहीं बल्कि कई पूर्व क्रिकेटर्स ने भी इस selection को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि श्रेयस अय्यर का experience और current form दोनों ही टीम के काम का है। उन्हें टीम में शामिल ना करना एक बड़ी भूल हो सकती है। कुछ experts का ये भी मानना है कि श्रेयस अय्यर की जगह टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ियों को शामिल किया गया है जिनका performance आईपीएल में श्रेयस से कमतर रहा है। ये बात selection process पर shadows डालती है।

क्या है श्रेयस अय्यर का अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड?

श्रेयस अय्यर ने भारत के लिए 49 वनडे और 51 T20 मैच खेले हैं। वनडे में उनका औसत 46.67 और स्ट्राइक रेट 96.50 है जबकि T20 में औसत 29.39 और स्ट्राइक रेट 135.98 है। ये आंकड़े बताते हैं कि वो इंटरनेशनल क्रिकेट में भी अपना लोहा मनवा चुके हैं। फिर भी उन्हें लगातार अनदेखा किया जा रहा है। क्या सिर्फ कुछ खराब पारियों के आधार पर एक खिलाड़ी को पूरी तरह ignore करना उचित है? ये सवाल selection committee के सामने है।

नसीब का सहारा या system की failure?

श्रेयस अय्यर का कहना है कि मेरा नसीब है लेकिन क्या ये सच में सिर्फ नसीब का मामला है? या फिर ये हमारे सिस्टम की failure है जो एक talented player को उसका हक नहीं दिला पा रहा? क्या selection process में transparency की कमी है? क्या personal preferences performance से ऊपर हो गए हैं? ये ऐसे सवाल हैं जिन पर बीसीसीआई को गंभीरता से सोचने की जरूरत है। नहीं तो आने वाले time में और भी कई श्रेयस अय्यर अपना talent waste होता हुआ देखेंगे।

Public Impact Analysis

ये मामला सिर्फ एक खिलाड़ी के selection तक सीमित नहीं है। इसके आगे की implications बहुत बड़ी हैं। देश के लाखों young cricketers आईपीएल को एक platform के तौर पर देखते हैं। अगर आईपीएल में performance करने के बाद भी टीम इंडिया में जगह नहीं मिलेगी तो युवाओं का motivation कम होगा। इससे भारतीय क्रिकेट के future पर भी असर पड़ सकता है। बीसीसीआई को selection process को और transparent और performance-oriented बनाने की जरूरत है ताकि हर talented player को उसका हक मिल सके। फैंस और experts का ये मानना है कि श्रेयस अय्यर का case एक wake up call की तरह है और selection committee को अपनी policy पर दोबारा विचार करना चाहिए।

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