स्वामी चैतन्यानंद कांड: 17 लड़कियों संग अश्लील हरकत का सच

वह कौन है जो 17 लड़कियों के साथ अश्लील हरकत करने वाला स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से जाना जाता है, पहले भी हो चुकी है शिकायत

दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में एक प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के मैनेजर के रूप में काम करने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती नाम का यह शख्स आज पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है है, लेकिन इसकी वजह कोई अच्छा काम नहीं बल्कि लगभग 17 लड़कियों के साथ कथित तौर पर की गई अश्लील हरकतें और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ मामला दर्ज किया है और वह फरार है। यह पहली बार नहीं है जब इस शख्स पर इस तरह के आरोप लगे हैं, पहले भी धोखाधड़ी और छेड़छाड़ के मामले में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती है कौन और कैसे इतने लंबे समय तक अपनी पहचान छुपाकर ऐसे काम करता रहा।

“17 लड़कियों के साथ अश्लील हरकत का आरोप झेल रहे स्वामी चैतन्यानंद की असलियत अब सामने आ रही है – पहले भी हुई थीं कई शिकायतें।”

क्या है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे आरोपों की पूरी कहानी जानिए

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और इनकी शुरुआत तब हुई जब श्री श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने 4 अगस्त 2025 को दिल्ली पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि चैतन्यानंद सरस्वती ने एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में पढ़ रही छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें की हैं और उनका यौन उत्पीड़न किया है। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि मामला बहुत बड़ा है और करीब 17 लड़कियां इसकी शिकार बनी हैं। इनमें से ज्यादातर लड़कियां उसी इंस्टीट्यूट में पीजीडीएम की पढ़ाई कर रही हैं जहां चैतन्यानंद सरस्वती मैनेजर के पद पर कार्यरत था। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने लड़कियों को अश्लील संदेश भेजे, अनुचित शारीरिक संपर्क किया और उन्हें डराया धमकाया। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के इन्हीं आरोपों के चलते अब पुलिस उसे ढूंढ रही है।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का परिचय कौन है यह शख्स

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला है और पिछले 12 सालों से दिल्ली में एक आश्रम में रह रहा था। वह खुद को एक आध्यात्मिक गुरु और भगवान का दूत बताता था और लोगों को प्रवचन देता था। उसने अपने आप को पार्थ सारथी नाम भी दिया हुआ था। हैरानी की बात यह है कि यही शख्स वसंत कुंज स्थित एक प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में मैनेजर के पद पर भी काम कर रहा था। इस दोहरी जिंदगी के पीछे उसका क्या मकसद था यह तो जांच में ही पता चल पाएगा लेकिन इतना तो साफ है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने अपनी पोजिशन का गलत फायदा उठाया और नौजवान लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करने से भी नहीं हिचकिचाया।

पहले भी हो चुके हैं स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर आपराधिक आरोप

यह पहली बार नहीं है जब स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती कानून की नजर में आया है। दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2009 में डिफेंस कॉलोनी इलाके में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद 2016 में वसंत कुंज में ही एक महिला ने उस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी। हालांकि उन मामलों में उसे किस तरह की सजा मिली या क्या वह मामला रफा दफा हो गया इसकी अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन इतना तय है कि अगर पहले के मामलों में सख्त कार्रवाई की गई होती तो शायद आज 17 लड़कियों को स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अश्लील हरकतों का शिकार नहीं होना पड़ता।

किसने दर्ज कराई स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ शिकायत

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का श्रेय श्री श्रृंगेरी मठ और इसकी संपत्तियों के प्रशासक पीए मुरली को जाता है। उन्होंने 4 अगस्त 2025 को दिल्ली पुलिस के समक्ष एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई जिसमें चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा की गई अवैध गतिविधियों का जिक्र था। मुरली ने पुलिस को बताया कि चैतन्यानंद सरस्वती ने मठ की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और उसके कार्यों की वजह से आश्रम को भी बदनामी झेलनी पड़ रही है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज कर लिया। शिकायत के बाद आश्रम प्रशासन ने भी चैतन्यानंद सरस्वती से सभी तरह के संबंध तोड़ लिए हैं।

दिल्ली पुलिस ने क्या की स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए सबसे पहले आरोपी के घर और इंस्टीट्यूट में छापेमारी की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जब्त किए और उनका विश्लेषण किया। इंस्टीट्यूट से मिली एनवीआर और हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी यानी एफएसएल भेजा गया है ताकि डिजिटल सबूतों की जांच की जा सके। पुलिस ने पीड़ित लड़कियों के बयान दर्ज किए हैं और पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय न्याय संहिता की धारा 183 के तहत 16 पीड़िताओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपी की कार को भी जब्त कर लिया है जिस पर नकली यूएन नंबर प्लेट लगी हुई थी। फिलहाल स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती फरार है और पुलिस उसे तलाश रही है।

क्या कहता है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का आश्रम इस मामले पर

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे गंभीर आरोपों के बाद उसके आश्रम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आश्रम प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि चैतन्यानंद सरस्वती की अवैध और अनुचित गतिविधियों के चलते पीठासीन अधिकारी ने उससे सभी संबंध तोड़ लिए हैं। आश्रम ने यह भी कहा कि चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा किए गए अवैध कार्यों की जानकारी मिलते ही संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करा दी गई थी। आश्रम की तरफ से यह बयान जारी करना जरूरी था क्योंकि चैतन्यानंद सरस्वती के कार्यों की वजह से पूरे आश्रम और मठ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। आश्रम ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की हरकतों से अपना पल्ला झाड़ लिया है।

कौन हैं पीड़ित लड़कियां जो स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अश्लील हरकतों का शिकार हुईं

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अश्लील हरकतों का शिकार हुई लड़कियां दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट यानी पीजीडीएम की छात्रा हैं। ये सभी लड़कियां ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत अपनी पढ़ाई कर रही थीं। आरोप है कि चैतन्यानंद सरस्वती ने इन लड़कियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का फायदा उठाया और उन पर अनुचित दबाव बनाया। पुलिस ने अब तक 32 लड़कियों के बयान दर्ज किए हैं जिनमें से 17 लड़कियों ने स्पष्ट तौर पर अश्लील संदेश, अनचाहे शारीरिक संपर्क और धमकियों की शिकायत की है। इन पीड़ित लड़कियों ने बहुत ही साहस का परिचय देते हुए पुलिस के सामने अपनी बात रखी है।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में कानूनी प्रक्रिया क्या है आगे

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में अब कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में यौन उत्पीड़न, धमकी, और अश्लील संदेश भेजने जैसे अपराध शामिल हैं। पुलिस की कोशिश है कि जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी और मुकदमा चलेगा। चूंकि इस मामले में डिजिटल सबूत भी हैं इसलिए एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पीड़ित लड़कियों के बयान कोर्ट में दर्ज किए जा चुके हैं जो इस मामले को मजबूत बनाते हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ यह मामला कितना मजबूत है यह तो समय ही बताएगा।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का समाज पर क्या होगा प्रभाव

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ना तय है। इस मामले ने एक बार फिर उन झूठे बाबाओं और आध्यात्मिक गुरुओं की पोल खोलकर रख दी है जो समाज में अपनी छवि सुधारने के लिए धर्म और आध्यात्म का सहारा लेते हैं। इस घटना के बाद लोगों का विश्वास उन वास्तविक संतों और गुरुओं से भी उठ सकता है जो सच्चे मन से लोगों की सेवा करते हैं। समाज में महिला सुरक्षा को लेकर चल रही बहस को भी इस मामले ने नई दिशा दी है। अब तक की जानकारी के मुताबिक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का मामला हमें यह सबक देता है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी पोशाक या पद देखकर आंकना नहीं चाहिए। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी तरह की अनुचित हरकत की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में सबूतों की क्या है स्थिति

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में सबूतों को इकट्ठा करने का काम पुलिस द्वारा जारी है। पुलिस के पास अभी तक जो सबूत हैं उनमें सीसीटीवी फुटेज, आरोपी के घर और दफ्तर से बरामद दस्तावेज, और पीड़ित लड़कियों के बयान शामिल हैं। इसके अलावा इंस्टीट्यूट की हार्ड डिस्क को एफएसएल भेजा गया है जहां से डिजिटल सबूतों के विश्लेषण के बाद और जानकारी मिलने की उम्मीद है। पुलिस आरोपी के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल और बैंक अकाउंट की जांच भी कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसने किसी और तरह की अवैध गतिविधियां तो नहीं की हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में सबूतों की स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है लेकिन पुलिस का दावा है कि उसके पास आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।

क्यों जरूरी है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती जैसे मामलों में त्वरित कार्रवाई

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती जैसे मामलों में त्वरित कार्रवाई इसलिए जरूरी है क्योंकि ऐसे आरोपी समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। अगर इन पर समय रहते कार्रवाई न की गई तो ये और भी लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस मामले में पुलिस ने शिकायत मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जो एक सकारात्मक कदम है। त्वरित कार्रवाई से पीड़िताओं को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है और समाज में यह संदेश जाता है कि कानून किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का मामला हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न या अश्लील हरकतों की शिकायत तुरंत करनी चाहिए। देरी करने से आरोपी को फायदा मिल सकता है और सबूत नष्ट हो सकते हैं।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में मीडिया की क्या है भूमिका

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में मीडिया की भूमिका अहम रही है। मीडिया ने इस मामले को उजागर करके आम जनता तक पहुंचाया और सच्चाई सामने लाने में मदद की। मीडिया कवरेज की वजह से ही इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा पाई और पुलिस पर दबाव बना कि वह तेजी से कार्रवाई करे। हालांकि मीडिया को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पीड़ित लड़कियों की पहचान उजागर न हो और उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले की रिपोर्टिंग करते समय मीडिया ने जिस जिम्मेदारी का परिचय दिया है वह सराहनीय है। मीडिया की इस भूमिका से समाज में जागरूकता फैलती है और लोग ऐसे मामलों में आगे आकर बोलने का साहस जुटा पाते हैं।

क्या है स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में पीड़िताओं के लिए कानूनी सहायता

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में पीड़ित लड़कियों के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। दिल्ली पुलिस ने पीड़िताओं को कानूनी सलाह देने के लिए वकीलों की टीम नियुक्त की है। इसके अलावा कई एनजीओ और सामाजिक संगठन भी पीड़ित लड़कियों की मदद के लिए आगे आए हैं। पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जा रही है ताकि वे इस traumatic experience से उबर सकें। कानूनी सहायता के तहत पीड़िताओं को कोर्ट प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है और उनके केस की पैरवी की जा रही है। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में पीड़िताओं को मिल रही कानूनी सहायता एक सकारात्मक कदम है और इससे अन्य पीड़िताओं को भी न्याय की उम्मीद बंधती है।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का राजनीतिक हलकों में क्या है रिएक्शन

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। कुछ नेताओं ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को उठाते हुए सरकार की आलोचना भी की है। विपक्षी दलों का कहना है कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है और ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजनीतिक दलों के इस रिएक्शन ने मामले को और भी अधिक गर्मा दिया है। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में राजनीतिक रिएक्शन इस बात का संकेत है कि अब ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस पर मामले की त्वरित सुनवाई के लिए दबाव बन रहा है।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में आगे की कार्रवाई क्या होगी

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में आगे की कार्रवाई की बात करें तो सबसे पहले पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां से पुलिस उसे रिमांड पर लेकर और पूछताछ कर सकती है। इस दौरान पुलिस सभी सबूतों को इकट्ठा करके कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी। कोर्ट में मुकदमा चलेगा और दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी। अगर आरोपी दोषी पाया जाता है तो उसे कानून के मुताबिक सजा मिलेगी। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में आगे की कार्रवाई काफी हद तक पुलिस की जांच पर निर्भर करेगी। पुलिस की जांच जितनी मजबूत होगी उतना ही आरोपी के खिलाफ मामला मजबूत होगा।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं जैसे कि क्या आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा? क्या पीड़ित लड़कियों को न्याय मिल पाएगा? क्या इस मामले में किसी और के शामिल होने की आशंका है? इन सवालों के जवाब अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं लेकिन पुलिस की तरफ से लगातार की जा रही कार्रवाई से उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही इन सवालों के जवाब मिल जाएंगे। पुलिस का कहना है कि वह आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है और पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में अभी कई सवाल अनुत्तरित हैं लेकिन भविष्य में होने वाली जांच से इनके जवाब मिल सकते हैं।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में आप क्या कर सकते हैं अपनी भूमिका

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले में आम नागरिक के तौर पर आपकी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। अगर आपको आरोपी के बारे में कोई जानकारी है तो आप तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दे सकते हैं। आप पीड़ित लड़कियों के लिए moral support का काम कर सकते हैं और समाज में जागरूकता फैला सकते हैं। इसके अलावा आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके आसपास किसी तरह का कोई यौन उत्पीड़न या अश्लील हरकतें न होने पाएं। अगर आप किसी ऐसी घटना के गवाह बनते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामला हमें यह याद दिलाता है कि समाज की सुरक्षा के लिए हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। आपकी एक छोटी सी सूचना किसी की जिंदगी बचा सकती है और किसी गलत इंसान को सजा दिला सकती है।

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का अंतिम निष्कर्ष क्या है

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का अंतिम निष्कर्ष अभी तक सामने नहीं आया है क्योंकि जांच अभी भी जारी है और आरोपी अभी तक फरार है। लेकिन इतना तय है कि इस मामले ने समाज और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले ने एक बार फिर साबित किया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पोशाक या पद के आधार पर भरोसे के लायक नहीं होता। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी तरह की अनुचित हरकत की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी चाहिए। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मामले का अंतिम निष्कर्ष तभी निकलेगा जब आरोपी को सजा मिलेगी और पीड़िताओं को न्याय मिलेगा। तब तक हमें इस मामले में हो रही कार्रवाई पर नजर बनाए रखनी चाहिए और पीड़िताओं का समर्थन जारी रखना चाहिए।


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