नेपाल में रहो अगर प्रेम है’: CM फडणवीस का चौंकाने वाला संदेश

महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस का बड़ा बयान - "नेपाल से प्यार है तो जाकर वहीं बस जाओ, भारत के Gen-Z को प्रदर्शनों की नहीं बल्कि नौकरियां देने में लगी है सरकार"

आज की ताज़ा खबर NEWS, 25 सितंबर 2025: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 के मुंबई एडिशन के मंच पर आज जो कुछ हुआ वो शायद लंबे वक्त तक राजनीति की दुनिया में चर्चा का विषय बना रहेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज एक ऐसा बयान दिया जिसने पूरे मीडिया का ध्यान खींच लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा Gen-Z को लेकर किए गए हालिया बयानों के जवाब में सीएम फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों को नेपाल के Gen-Z से इतनी मोहब्बत है उन्हें नेपाल जाकर रहना चाहिए। उन्होंने ये बात इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच से कही जहाँ वो मराठा आरक्षण से लेकर वोट चोरी तक के सवालों का जवाब दे रहे थे। फडणवीस का ये बयान सुनकर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा और सोशल मीडिया पर भी ये टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया।

नेपाल में रहो अगर प्रेम है’: CM फडणवीस का चौंकाने वाला संदेश


क्या हुआ था राहुल गांधी के Gen-Z वाले बयान में

इस पूरे मामले को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। दरअसल कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्होंने 1997 से 2012 के बीच जन्मे Gen-Z युवाओं से देश के लोकतंत्र की रक्षा करने की अपील की थी। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि देश में वोट चोरी हो रही है और Gen-Z को इसके खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि नेपाल के Gen-Z ने कैसे सड़कों पर आंदोलन करके बदलाव लाया और भारत के युवाओं को भी ऐसा ही करना चाहिए। राहुल गांधी का ये बयान काफी विवादास्पद साबित हुआ और राजनीतिक गलियारों में इसकी काफी आलोचना भी हुई। इसी बयान का जवाब देते हुए आज महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में ये ऐतिहासिक बयान दिया।

CM फडणवीस का Gen-Z को चौंकाने वाला संदेश – क्या यह समाज और राजनीति पर गहरा असर डालेगा?


इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में क्या कहा सीएम फडणवीस ने

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 के मंच पर जब सीएम देवेंद्र फडणवीस से राहुल गांधी के Gen-Z वाले बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बेबाक तरीके से जवाब दिया। फडणवीस ने कहा कि भारत और नेपाल की स्थितियां बिल्कुल अलग हैं और दोनों देशों के युवाओं की सोच में भी बहुत अंतर है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिन लोगों को नेपाल के Gen-Z से इतना प्यार है उन्हें नेपाल जाकर रहना चाहिए। सीएम फडणवीस ने ये भी कहा कि भारत के युवाओं के पास विरोध प्रदर्शन करने का समय नहीं है क्योंकि वो स्टार्टअप्स, एआई, आईटी जैसे क्षेत्रों में देश का नाम रोशन करने में लगे हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय युवा इंजीनियर हैं और उन्होंने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। फडणवीस ने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने सारे हथकंडे अपनाकर देख लिए हैं और अब वो हताश होकर Gen-Z से अपील कर रहे हैं।

क्या है भारत और नेपाल के Gen-Z में अंतर

सीएम फडणवीस के बयान के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर भारत और नेपाल के Gen-Z में क्या अंतर है। दरअसल नेपाल के Gen-Z ने हाल के दिनों में सरकार के खिलाफ कई बड़े प्रदर्शन किए हैं और उन्होंने राजनीतिक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं भारत की बात करें तो यहाँ के Gen-Z ने टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स, इनोवेशन और एजुकेशन के क्षेत्र में दुनिया भर में अपना लोहा मनवाया है। भारत के युवा सिलिकॉन वैली से लेकर दुनिया की बड़ी कंपनियों में टॉप पोजीशन पर काम कर रहे हैं। सीएम फडणवीस का मानना है कि भारत के Gen-Z की सोच नेपाल के Gen-Z से बिल्कुल अलग है क्योंकि भारत के युवा रचनात्मक कार्यों में विश्वास रखते हैं न कि विरोध प्रदर्शनों में। भारत सरकार युवाओं के लिए लाखों नौकरियां पैदा करने में लगी हुई है जबकि नेपाल की स्थिति इससे भिन्न है।

क्या कहता है भारतीय Gen-Z का इतिहास

भारत में Gen-Z ने कभी भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के बजाय शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से बदलाव लाने पर जोर दिया है। भारतीय युवाओं ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जो सफलता हासिल की है वो दुनिया के लिए मिसाल बन चुकी है। भारत के Gen-Z ने स्टार्टअप्स की दुनिया में क्रांति ला दी है और आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। युवाओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में महारत हासिल करके देश का गौरव बढ़ाया है। सीएम फडणवीस ने अपने भाषण में इसी बात पर जोर दिया कि भारत के युवाओं के पास समय की कमी है क्योंकि वो देश की तरक्की में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत के Gen-Z की प्राथमिकताएं अलग हैं और वो नेपाल के Gen-Z की तरह सोचते भी नहीं हैं।

क्या है नेपाल के Gen-Z आंदोलन की कहानी

नेपाल में Gen-Z ने हाल के वर्षों में कई बड़े आंदोलन किए हैं जिन्होंने वहाँ की राजनीति को प्रभावित किया है। नेपाल के युवाओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ, रोजगार के अवसरों की मांग को लेकर और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए हैं। इन आंदोलनों ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा है और कई बार सरकारों को झुकने पर मजबूर भी किया है। राहुल गांधी ने अपने बयान में इसी तरह के आंदोलनों का जिक्र करते हुए भारत के युवाओं से सड़कों पर उतरने की अपील की थी। लेकिन सीएम फडणवीस ने साफ किया कि भारत और नेपाल की परिस्थितियाँ एक जैसी नहीं हैं। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि नेपाल एक विकासशील देश है। दोनों देशों की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में जमीन-आसमान का अंतर है।

क्या कहती हैं सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सीएम फडणवीस के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तूफान आ गया है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #GenZ, #Fadnavis, #Nepal और #RahulGandhi जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जहाँ एक तरफ बीजेपी समर्थकों ने फडणवीस के बयान की तारीफ की है वहीं विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना भी की है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि फडणवीस का बयान युवाओं का अपमान है जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि ये बयान भारत के युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है। कई यूजर्स ने मीम्स बनाकर इस मामले को हल्के-फुल्के अंदाज में भी उड़ाया है। कुछ यूजर्स ने लिखा है कि फडणवीस ने सही कहा क्योंकि भारत के युवाओं को प्रदर्शनों की नहीं बल्कि नौकरियों की जरूरत है। वहीं कुछ यूजर्स का मानना है कि ये बयान अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

क्या है भारत-नेपाल के रिश्तों का इतिहास

भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों के बीच खुली सीमा है और लोग बिना वीजा के आ-जा सकते हैं। भारत ने हमेशा नेपाल के विकास में मदद की है और कई प्रोजेक्ट्स में आर्थिक सहायता दी है। सीएम फडणवीस ने भी अपने भाषण में इस बात को स्वीकार किया कि भारत और नेपाल के बीच गहरे संबंध हैं लेकिन उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों की वर्तमान स्थितियाँ अलग-अलग हैं। उनका कहना था कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से प्रगति की है और दुनिया की महाशक्ति बनकर उभरा है जबकि नेपाल अभी भी विकास के कई चरणों से गुजर रहा है। फडणवीस ने जोर देकर कहा कि भारत के युवा वैश्विक मंच पर देश का परचम लहरा रहे हैं न कि सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्या है भारत सरकार की Gen-Z के लिए योजनाएं

केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने Gen-Z के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने भी युवाओं के लिए कई रोजगारोन्मुखी योजनाएं शुरू की हैं। सीएम फडणवीस ने अपने भाषण में इसी ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार का फोकस युवाओं को रोजगार दिलाने पर है न कि उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए प्रेरित करने पर। उन्होंने कहा कि भारत के Gen-Z को प्रदर्शनों की नहीं बल्कि नौकरियों और करियर के अवसरों की जरूरत है। सरकार की नीतियाँ इसी दिशा में काम कर रही हैं और युवा इनका लाभ उठा रहे हैं।

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीएम फडणवीस का ये बयान आगामी चुनावों को देखते हुए एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। विश्लेषकों के अनुसार बीजेपी युवाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और फडणवीस का बयान इसी दिशा में एक कदम है। कुछ विश्लेषकों का ये भी मानना है कि ये बयान नेपाल के साथ भारत के संबंधों को प्रभावित कर सकता है हालाँकि अभी तक नेपाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि ये बयान असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। वहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इस बयान का बचाव करते हुए कहा है कि फडणवीस ने भारत के युवाओं की सकारात्मक सोच को सही तरीके से व्यक्त किया है।

क्या है Gen-Z की राजनीति में भूमिका

दुनिया भर में Gen-Z की राजनीति में बढ़ती भूमिका को देखा जा सकता है। अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों में युवा वोटर्स ने चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है। भारत में भी Gen-Z की संख्या काफी बड़ी है और ये युवा वोटर अब राजनीतिक दलों के लिए एक अहम लक्ष्य बन चुके हैं। राहुल गांधी का Gen-Z को लक्षित करना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन सीएम फडणवीस के बयान के बाद अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या भारत का Gen-Z वाकई में सड़कों पर उतरने के बजाय विकास की दिशा में काम करना पसंद करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत का युवा वर्ग शिक्षित और जागरूक है और वो ऐसे बयानों से प्रभावित हुए बिना अपना रास्ता खुद चुनने की क्षमता रखता है।

क्या है भारतीय युवाओं की वर्तमान स्थिति

भारत में युवाओं की स्थिति पर नजर डालें तो पाएंगे कि देश का युवा वर्ग आज पहले से कहीं अधिक सशक्त और सुविधासंपन्न है। शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की, टेक्नोलॉजी की उपलब्धता और रोजगार के नए अवसरों ने युवाओं के जीवन में बदलाव लाया है। युवा आज ग्लोबलाइजेशन का लाभ उठा रहे हैं और दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। सीएम फडणवीस ने अपने भाषण में इसी बात पर जोर दिया कि भारत के युवाओं ने सिलिकॉन वैली से लेकर दुनिया की बड़ी कंपनियों तक में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत के Gen-Z के पास प्रदर्शन करने का समय नहीं है क्योंकि वो देश की तरक्की में जुटे हुए हैं। युवाओं की इसी सकारात्मक ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

क्या हो सकता है इस बयान का भविष्य पर प्रभाव

सीएम फडणवीस के इस बयान का भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हालाँकि इतना तय है कि ये बयान राजनीतिक गलियारों में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा। आगामी चुनावों में युवा वोटर्स को लक्षित करने वाले दलों के लिए ये एक अहम मुद्दा बन सकता है। विदेश नीति के स्तर पर भी इस बयान के प्रभाव की संभावना है खासकर भारत-नेपाल संबंधों पर। हालाँकि अभी तक नेपाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन कूटनीतिक स्तर पर इस मामले पर चर्चा हो सकती है। भारत सरकार ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन ये संभव है कि आने वाले दिनों में इस पर कोई स्पष्टीकरण दिया जाए। फिलहाल तो ये बयान सोशल मीडिया और मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोर रहा है।

क्या कहता है जनता का मत

इस बयान पर जनता की क्या राय है ये जानने के लिए हमने कुछ युवाओं से बात की। मुंबई के एक कॉलेज स्टूडेंट राहुल शर्मा ने कहा कि उन्हें फडणवीस का बयान सही लगा क्योंकि भारत के युवाओं के पास प्रदर्शन करने का समय नहीं है। वहीं दिल्ली की एक युवा पेशेवर प्रिया सिंह ने कहा कि ये बयान थोड़ा कठोर जरूर है लेकिन इसमें सच्चाई है। हैदराबाद के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजीव रेड्डी ने कहा कि भारत के युवा वाकई में दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं और उन्हें प्रदर्शनों की जरूरत नहीं है। हालाँकि कुछ युवाओं ने इस बयान की आलोचना भी की है। कोलकाता की एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि ये बयान युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश है। जनता के बीच इस बयान को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं।

क्या है विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने सीएम फडणवीस के बयान की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये बयान युवाओं का अपमान है और फडणवीस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे ग्रुप) के एक नेता ने कहा कि ये बयान अलोकतांत्रिक है और लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। एनसीपी नेता ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है। विपक्ष का कहना है कि फडणवीस का बयान नेपाल के साथ भारत के रिश्तों को नुकसान पहुँचा सकता है और इस पर प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए। विपक्ष ने ये भी मांग की है कि फडणवीस संसद में इस बयान पर स्पष्टीकरण दें। हालाँकि सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इस बयान का बचाव किया है और कहा है कि फडणवीस ने युवाओं की सही तस्वीर पेश की है।

क्या है सरकार का रुख

सरकार की तरफ से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालाँकि बीजेपी के कुछ नेताओं ने निजी तौर पर इस बयान का समर्थन किया है। एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि फडणवीस ने सही कहा क्योंकि भारत के युवाओं की प्राथमिकताएं अलग हैं। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के लिए काम कर रही है और उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करा रही है। सरकार का मानना है कि भारत का युवा वर्ग देश की तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उन्हें प्रदर्शनों की जरूरत नहीं है। सरकार की योजनाएं युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही हैं और युवा इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। सरकार का रुख स्पष्ट है कि वो युवाओं को रोजगारोन्मुखी बनाना चाहती है न कि प्रदर्शनकारी।

क्या है युवाओं के लिए सीएम फडणवीस का संदेश

सीएम फडणवीस ने अपने भाषण के अंत में युवाओं के लिए एक स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत के Gen-Z को प्रदर्शनों की नहीं बल्कि नौकरियों और करियर के अवसरों की जरूरत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं और देश की तरक्की में योगदान दें। फडणवीस ने कहा कि भारत के युवा बेहतरीन इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक और उद्यमी हैं और उन्होंने दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वो नेपाल के Gen-Z की तरह सोचने के बजाय भारत की संस्कृति और मूल्यों के अनुरूप काम करें। फडणवीस का संदेश स्पष्ट था कि भारत का युवा वर्ग देश की ताकत है और उन्हें इस ताकत का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

क्या होगा इस बयान का राजनीतिक असर

इस बयान का राजनीतिक असर क्या होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन इतना तय है कि ये बयान आगामी चुनावों में एक अहम मुद्दा बन सकता है। बीजेपी युवाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और इस बयान के जरिए वो युवाओं को ये संदेश देना चाहती है कि सरकार उनके हित में काम कर रही है। विपक्ष इस बयान का इस्तेमाल सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए कर सकता है। राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर गर्मागर्म बहस हो सकती है। सोशल मीडिया पर ये मुद्दा लंबे समय तक ट्रेंड कर सकता है। युवा वोटर्स पर इस बयान का क्या प्रभाव पड़ेगा ये देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल तो ये बयान राजनीतिक दलों के लिए एक नया हथियार साबित हो सकता है।

अब आपकी क्या राय है

अब आपसे अनुरोध है कि आप इस बयान पर अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर दें। आपको क्या लगता है कि सीएम फडणवीस का बयान सही था या गलत? क्या भारत के Gen-Z को वाकई में प्रदर्शनों की जरूरत है या फिर वो सही मायनों में देश की तरक्की में लगे हुए हैं? क्या नेपाल और भारत के Gen-Z की तुलना करना उचित है? आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय दे सकें। साथ ही हमारे न्यूज चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें ताकि आप ऐसी ही ताज़ा खबरों से अपडेट रह सकें।

लेखक: आज की ताज़ा खबर NEWS

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट आज की ताजा खबर के साथ।  


आज की ताजा खबर:- आपका भरोसेमंद न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो ऑटोमोबाइल, बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, फाइनेंस, मनोरंजन, एजुकेशन और खेल सहित विभिन्न श्रेणियों में सबसे ताज़ा और विश्वसनीय खबरें प्रदान करता हैं! 🚀

व्हाट्सअप Group फॉलो करो