सोने-चांदी में भूचाल! 45 साल का रेकॉर्ड टूटा, निवेशकों के पसीने छूटे, जानें क्या होगा आपकी जेब पर असर?
Gold And Silver Price Today: गुरुवार को global बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली। सोना एक टके से ज्यादा यानी लगभग 1% घटकर 3690 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, वहीं चांदी भी करीब इतनी ही घटकर 42 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। लेकिन असली बात ये है की सोने ने 1980 के बाद से यानी पिछले 45 साल में पहली बार एक ऐतिहासिक रेकॉर्ड तोड़ दिया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में 0.25% की कटौती के बाद ये उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बुधवार को सोना नए रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुंचा था, लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भविष्य में दरों में और कटौती को लेकर सतर्क रवैये के बाद दोनों metals में गिरावट आई। global बाजार में सोना 3707.57 डॉलर प्रति औंस के अपने all-time high को छूने के बाद अब नीचे आया है। भारत के domestic बाजार में भी इसका सीधा असर दिख रहा है, जहाँ 24 कैरेट सोना 54 रुपये प्रति ग्राम की गिरावट के साथ 11,117 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गया है .
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| Gold And Silver Price Today |
सोने ने कैसे तोड़ा 45 साल का रेकॉर्ड?
2025 में सोना लगातार उछाल पर है और इस साल अब तक 40% से ज्यादा का इजाफा हो चुका है। इसने S&P 500 जैसे बड़े stock indices को भी पीछे छोड़ दिया है। सोने ने 1980 के inflation-adjusted record को भी पार कर लिया है। यानी अगर आपने पिछले पांच सालों में सोने में निवेश किया है, तो आप शायद लाखपति या करोड़पति बन चुके होंगे। 1980 में सोना जहाँ 800 डॉलर प्रति औंस के आसपास था, आज वो 3600 डॉलर के पार है। ये उछाल कई factors की वजह से आया, जिसमें geopolitical tensions, central banks का सोना खरीदना, और US dollar में कमजोरी शामिल है .
भारत में सोने-चांदी के भाव में आई भारी गिरावट।
goodreturns.in की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 सितंबर को 24 कैरेट सोना 54 रुपये प्रति ग्राम घटकर 11,117 रुपये प्रति ग्राम पर आ गया। 22 कैरेट सोना 10,190 रुपये प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोना 8,338 रुपये प्रति ग्राम पर है। चांदी की बात करें तो एक किलो चांदी का भाव 1,31,000 रुपये से घटकर 1,25,756 रुपये प्रति किलो हो गया है। ये गिरावट global बाजार के रुख और भारत में import duty और GST जैसे taxes की वजह से और भी ज्यादा दिखाई देती है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोना 1,09,730 रुपये प्रति 10 ग्राम, 23 कैरेट 1,09,290 रुपये, और 22 कैरेट 1,00,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है .
क्यों गिर रही हैं सोने-चांदी की कीमतें?
ताजा गिरावट की सबसे बड़ी वजह US Federal Reserve का ब्याज दरों में 0.25% की कटौती करना है। हालांकि ये कटौती expected थी, लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भविष्य में और दर कटौती को लेकर जो सतर्क रवैया दिखाया, उससे investors में uncertainty पैदा हुई। High interest rates में investors सोने जैसे non-yielding assets से दूर भागते हैं, क्योंकि उन्हें bonds या savings accounts में ब्याज से return मिल जाता है। लेकिन जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोना attractive लगता है। फेड की latest move के बाद US dollar मजबूत हुआ है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा है .
22K & 24K Gold Rates Per Gramin Maharashtra
चांदी की कीमतों में उथल-पुथल।
चांदी ने पिछले हफ्ते 3000 रुपये प्रति किलो की उछाल देखी थी, लेकिन इस हफ्ते ये फिर से गिरावट में है। 15 सितंबर को चांदी स्थिर रही, 16 सितंबर को 1000 रुपये की बढ़त हुई, लेकिन 17 सितंबर को 2000 रुपये की गिरावट आई और आज फिर 1000 रुपये की गिरावट देखने को मिली। चांदी industrial demand के लिए भी जानी जाती है, इसलिए global economic slowdown की आशंका से इसकी कीमतों पर असर पड़ता है। China और Europe की economy में सुस्ती की वजह से चांदी की demand कमजोर हुई है, जिससे दबाव बना हुआ है .
1980 vs 2025: सोने का सफर।
1980 में सोना 800 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंचा था, जो उस time का record था। उस time inflation बहुत high था और geopolitical tensions चरम पर थे। आज 2025 में सोना 3700 डॉलर के पार है, लेकिन inflation-adjusted terms में 1980 का record आज भी एक milestone माना जाता था, जिसे 2025 में तोड़ दिया गया। 1980 में Hunt brothers ने silver market में manipulate करने की कोशिश की थी, जिससे metals में volatility आई थी। 2025 में central banks का सोना खरीदना और geopolitical risks जैसे Russia-Ukraine war और Middle East tensions ने सोने को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया .
निवेशकों पर क्या होगा असर?
जिन investors ने हाल में सोना खरीदा है, उन्हें short-term में नुकसान हो सकता है। लेकिन long-term investors के लिए सोना अब भी एक safe haven asset है। experts का मानना है कि अगर US economy slow होती है या geopolitical tensions बढ़ती हैं, तो सोना फिर से उछाल सकता है। चांदी के मामले में industrial demand बढ़ने पर इसकी कीमतें recover कर सकती हैं। भारत में festivals और weddings का season शुरू होने वाला है, जिससे domestic demand बढ़ सकती है और कीमतों में सपोर्ट मिल सकता है .
क्या अब सोना खरीदना सही है?
short-term volatility को देखते हुए experts सलाह देते हैं कि निवेशक averaging strategy अपनाएं। यानी हर month थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदें, ताकि average cost कम रहे। physical gold के अलावा gold ETFs और sovereign gold bonds भी अच्छा option हैं, especially tax benefits की वजह से। चांदी में निवेश करने वालों को industrial demand और global economic outlook पर नजर रखनी चाहिए .
सोना-चांदी के अलावा अन्य precious metals।
platinum और palladium जैसी metals भी investors के बीच popular हैं, लेकिन ये silver और gold के मुकाबले ज्यादा volatile हैं। platinum का इस्तेमाल automotive industry में होता है, इसलिए electric vehicles के बढ़ने से इसकी demand पर असर पड़ सकता है। gold और silver की तुलना में platinum और palladium में निवेश जोखिम भरा हो सकता है .
भविष्य की कीमतों का अनुमान।
Trading Economics के मुताबिक, सोना इस quarter के अंत तक 3694.09 डॉलर प्रति औंस और अगले 12 महीनों में 3853.63 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच सकता है। हालांकि ये अनुमान economic conditions पर निर्भर करते हैं। अगर US Federal Reserve आगे और दर कटौती करती है, तो सोना फिर से उछाल सकता है। चांदी के लिए 50 डॉलर प्रति औंस का लेवल एक important resistance है, जिसके ऊपर जाने पर ये strong rally कर सकती है .
भारत में सोने-चांदी की खरीदारी के tips।
भारत में सोना खरीदते समय making charges और GST का ध्यान रखें। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है, लेकिन jewellery बनवाने के लिए 22 कैरेट सोना ज्यादा उपयोगी होता है क्योंकि ये मजबूत होता है। चांदी खरीदते समय purity का ध्यान रखें और हमेशा certified dealers से ही खरीदारी करें। digital gold platforms like DigiGold भी एक सुविधाजनक विकल्प हैं, जहाँ आप छोटी रकम से भी निवेश शुरू कर सकते हैं .
global markets का domestic बाजार पर प्रभाव।
India में सोने-चांदी की कीमतें international prices, USD/INR exchange rate, और import duties पर निर्भर करती हैं। अगर global prices गिरते हैं, लेकिन rupee weak होता है, तो domestic prices कम नहीं गिरती। currently, import duty और GST मिलाकर सोने पर 15% से ज्यादा का tax लगता है, जिससे भारत में कीमतें global prices के मुकाबले ज्यादा रहती हैं .
निवेशकों की भावनाएं और बाजार का रुख।
current गिरावट के बाद investors cautious हैं। कुछ investors इसे buying opportunity मान रहे हैं, तो कुछ और गिरावट का इंतज़ार कर रहे हैं। short-term traders के लिए ये समय risky है, लेकिन long-term investors के लिए सोना और चांदी अब भी portfolio diversification का अच्छा जरिया हैं .
Public Impact Analysis:
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का सीधा असर भारत के आम नागरिकों पर पड़ेगा। weddings और festivals के मौसम में लोग सोना खरीदते हैं, ऐसे में गिरावट उनके लिए relief लेकर आई है। हालांकि, जिन्होंने ऊँचे दामों पर सोना खरीदा था, उन्हें नुकसान हुआ है। long-term में, सोना एक safe investment बना रहेगा, especially economic uncertainty के दौर में। investors को चाहिए कि वो market trends पर नजर रखें और financial advisors की सलाह लें।
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