चैतन्यानंद का काला सच: यौन शोषण और करोड़ों के घोटालों का जाल

स्वामी चैतन्यानंद का काला सच: भगवा चोगे में छुपा हुआ एक दरिंदा, EWS छात्राओं के साथ यौन शोषण और करोड़ों के घोटाले की हैवानियत भरी कहानी!

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का काला इतिहास

ये कहानी है एक ऐसे शख्स की जिसने भगवा वस्त्र पहनकर समाज को आध्यात्म का पाठ पढ़ाया, मैनेजमेंट और नैतिकता पर लेक्चर दिए लेकिन असलियत में खुद की हवस और लालच का शिकार बन गया। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी, जो दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च का चांसलर था, आज यौन शोषण और करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपों में फरार है। उस पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS की 17 छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। ये स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास की एक झलक भर है जो अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है।

छात्राओं के खिलाफ हैवानियत और BMW कार में अश्लील गाने

पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को जो बयान दिए हैं वो किसी डरावनी फिल्म से कम नहीं हैं। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि चैतन्यानंद उन्हें अपनी लग्जरी BMW कार में ले जाता था और रास्ते में अश्लील गाने बजाकर उनके साथ छेड़छाड़ करता था 。 सिर्फ इतना ही नहीं, इस पाखंडी बाबा के पास हॉस्टल के सभी सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड का एक्सेस था जिसके जरिए वो लड़कियों पर दिन-रात नजर रखता था 。 उनकी हर एक हरकत पर नजर, उनकी जिंदगी का हर पल इस शातिर बाबा की निगरानी में, ये स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास का सबसे डरावना पहलू है।

16 साल से चल रहा था सिस्टमेटिक शोषण का खेल

ये कोई एक या दो घटना नहीं बल्कि एक सिस्टमेटिक एक्सप्लॉइटेशन था जो पिछले 16 साल से चल रहा था 。 पूर्व छात्रों ने खुलासा किया है कि चैतन्यानंद जानबूझकर EWS स्कॉलरशिप वाली छात्राओं को निशाना बनाता था क्योंकि वो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से ज्यादा आसान शिकार होती थीं 。 उन्हें बेहतर करियर और विदेश यात्रा का लालच देकर फंसाया जाता था और अगर कोई लड़की विरोध करती तो उसे एग्जाम में फेल करने की धमकी दी जाती थी। वॉर्डन्स लड़कियों को उसके कमरे में भेजती थीं और व्हाट्सऐप पर 'कम टू माय रूम' जैसे मैसेज भेजे जाते थे 

पुलिस की तलाश में पांच राज्यों में छापेमारी लेकिन बाबा हाथ नहीं आ रहा

दिल्ली पुलिस की कई टीमें अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही हैं लेकिन ये शातिर बाबा अब तक पुलिस के हाथ नहीं आया है 。 पुलिस को शक है कि संस्थान और बाहर मौजूद उसके साथी उसे छुपाने में मदद कर रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि ये बाबा मोबाइल फोन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड या UPI का इस्तेमाल नहीं कर रहा है जिससे उसे ट्रेस करना मुश्किल हो रहा है 。 पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है और देश के सभी एग्जिट-एंट्री पॉइंट्स पर नजर रखी जा रही है।

लग्जरी लाइफस्टाइल और फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर वाली कारें

ये फर्जी बाबा लग्जरी गाड़ियों का बहुत शौकीन था। पुलिस को उसकी BMW कार बरामद हुई है जिसमें वो छात्राओं के साथ घूमता था 。 इसके अलावा उसकी एक वोल्वो कार भी मिली है जिस पर फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी हुई थी 。 25 अगस्त 2025 को इस कार को जब्त कर लिया गया। ये स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास का वो हिस्सा है जो उसकी शानोशौकत की जिंदगी को दिखाता है।

करोड़ों रुपये का घोटाला और 18 बैंक खाते फ्रीज

जांच में सामने आया है कि चैतन्यानंद ने संस्थान के करोड़ों रुपये का गबन किया है। पुलिस ने उसके फर्जी ट्रस्ट से जुड़े 18 बैंक खातों और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज कर दिया है जिनमें लगभग 8 करोड़ रुपये जमा थे 。 श्रृंगेरी पीठ ने आरोप लगाया है कि चैतन्यानंद ने लगभग 20 करोड़ रुपये की संपत्ति और आय का गबन किया है। उसने संस्थान के फंड का इस्तेमाल रेफ्रिजरेटर और अन्य लग्जरी आइटम खरीदने में किया था।

श्रृंगेरी मठ ने तोड़े सभी संबंध और बाबा को हटाया

इस पूरे मामले में श्रृंगेरी मठ ने चैतन्यानंद से सभी संबंध तोड़ लिए हैं और उसे डायरेक्टर के पद से हटा दिया है। मठ ने उस पर जालसाजी, छद्मवेश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के गंभीर आरोप लगाए हैं 。 मठ का कहना है कि उसने पीठम से जुड़े फंड्स का गलत इस्तेमाल किया जो न केवल धोखाधड़ी बल्कि धार्मिक संस्थान की साख पर भी सवाल खड़ा करता है।

अदालत ने खारिज की जमानत याचिका, आरोप बहुत गंभर हैं

26 सितंबर 2025 को दिल्ली की एक अदालत ने चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि आरोपी को जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। पाटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज डॉ. हरदीप कौर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उसके संगीन अपराध की प्रकृति को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती।

2009 और 2016 में भी दर्ज हो चुके हैं मामले लेकिन बच निकलता था

चौंकाने वाला तथ्य ये है कि ये पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद पर ऐसे आरोप लगे हैं। पूर्व छात्रों ने बताया है कि साल 2016 में डिफेंस कॉलोनी थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी और साल 2009 का भी एक पुराना केस था 。 लेकिन पैसे और रसूख की वजह से वो हर बार बच निकलता था। पीड़ितों का कहना है कि असफलता से डरकर कई लड़कियां चुप हो जाती थीं और शिकायत वापस ले लेती थीं।

अब तक पांच FIR दर्ज, तीन नए और दो पुराने केस

चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक कुल पांच FIR दर्ज की जा चुकी हैं जिनमें दो पुरानी और तीन नई हैं 。 इनमें यौन शोषण, धोखाधड़ी और फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट का केस शामिल है। हर नए दिन के साथ उसके खिलाफ नए आरोप सामने आ रहे हैं और पुलिस जांच का दायरा बढ़ाती जा रही है।

CCTV फुटेज को टैम्पर करने और मैसेज डिलीट करने के आरोप

जांच में ये भी सामने आया है कि चैतन्यानंद अपने गुनाहों के सबूत मिटाने की कोशिश करता था। वो सीसीटीवी फुटेज को टैम्पर करवाता था और व्हाट्सऐप चैट्स को डिलीट करवा देता था ताकि कोई सबूत न बचे 。 पुलिस ने तीन वॉर्डन्स से पूछताछ की है जो मैसेज डिलीट करने के आरोपी हैं। ये सब स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास के और भी भद्दे पन्ने हैं।

पीड़ित छात्राओं की पहचान गुप्त रखने के निर्देश

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अदालत ने पीड़ित छात्राओं की पहचान गुप्त रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस भी उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रही है क्योंकि चैतन्यानंद के समर्थकों की तरफ से उन्हें धमकियां मिलने की आशंका है। कई छात्राएं अब भी डरी हुई हैं और खुलकर सामने आने से हिचकिचा रही हैं।

नेशनल कमीशन फॉर वुमन ने मांगी तुरंत गिरफ्तारी

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले में गंभीर चिंता जताई है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तुरंत आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि ये मामला महिला सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। आयोग ने पीड़ित छात्राओं को हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया है।

सोशल मीडिया पर तहलका, लोग मांग रहे हैं सख्त सजा

इस मामले ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। लोग इस पाखंडी बाबा की करतूतों पर आग बबूला हैं और उसकी सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने तो धार्मिक संस्थानों में सुधार की मांग भी की है। हैशटैग स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास ट्रेंड कर रहा है और लोग इस घिनौने अपराध की भर्त्सना कर रहे हैं।

जनता के लिए कॉल टू एक्शन: अब बंद होनी चाहिए ऐसे पाखंडी बाबाओं की दुकानदारी

ये वक्त है जब हम सबको जागना होगा और ऐसे पाखंडी बाबाओं की दुकानदारी बंद करनी होगी। अगर आपके आसपास भी कोई ऐसा धार्मिक ठेकेदार है जो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करता है या फाइनेंशियल फ्रॉड करता है तो तुरंत पुलिस को शिकायत करें। धार्मिक आस्था का फायदा उठाने वालों के खिलाफ आवाज उठाएं। अपने बच्चों को सिखाएं कि किसी भी तरह के अश्लील व्यवहार का विरोध करें और तुरंत अपने माता-पिता को बताएं। अगर आप इस मामले की किसी भी जानकारी के बारे में जानते हैं तो दिल्ली पुलिस को तुरंत सूचित करें। याद रखें, चुप्पी तोड़ने से ही ऐसे अपराधियों को सजा मिल सकती है। आइए मिलकर एक सुरक्षित समाज बनाएं जहां महिलाओं का सम्मान हो और कोई पाखंडी अपनी हवस का शिकार न बना सके।

सार्वजनिक प्रभाव विश्लेषण: समाज और शिक्षा व्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर?

इस पूरे मामले ने समाज और शिक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। EWS कोटे से आने वाली छात्राओं के मन में अब शिक्षा संस्थानों के प्रति भरोसा डगमगा गया है। अभिभावक अपनी बेटियों को हॉस्टल भेजने से डरने लगे हैं। धार्मिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर ऐसे मामलों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान बेमानी हो जाएंगे। सरकार और प्रशासन को अब ऐसे संस्थानों पर सख्त निगरानी रखनी होगी और महिला सुरक्षा के मानकों को सख्ती से लागू करना होगा। स्वामी चैतन्यानंद काला इतिहास हमें एक सबक देता है कि आड़े हाथों लेना जरूरी है।

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