Bitcoin रिकॉर्ड हाई, पर क्यों माइनर्स कर रहे बिकवाली?

बिटकॉइन का बड़ा खेल: $1,23,000 का नया रिकॉर्ड बनाते ही व्हेल्स और माइनर्स ने शुरू कर दी भारी बिकवाली! अब क्या होगा?

💹 "Bitcoin ने बनाया नया रिकॉर्ड! लेकिन निवेशकों और माइनर्स की जबरदस्त बिकवाली से मार्केट में मचा हड़कंप। वजह जानिए यहाँ।"

अरे भाई, क्रिप्टो दुनिया में तूफान आ गया है! बिटकॉइन ने तो अब ऐतिहासिक कारनामा कर दिया है। पिछले हफ्ते बिटकॉइन की कीमत $1,23,000 के नए ऑल टाइम हाई को छू गई। यानी जो लोग बिटकॉइन में पहले से Invest करके बैठे थे, उनके मुनाफे ने भी ऑल टाइम हाई बना दिया। लेकिन यहाँ से कहानी दिलचस्प हो जाती है। जैसे ही बिटकॉइन ये नया रिकॉर्ड बनाया, बड़े निवेशकों और माइनर्स ने अपने-अपने बिटकॉइन एक्सचेंजों में भेजना शुरू कर दिया। मतलब साफ है - मुनाफा कैश करने की होड़ लग गई। क्रिप्टोक्वांट की रिपोर्ट के मुताबिक तो एक दिन में ही 81,000 बिटकॉइन एक्सचेंजों में पहुँच गए। ये फरवरी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अब सवाल यह है कि क्या ये बिकवाली आगे भी जारी रहेगी और बिटकॉइन की कीमत फिर से नीचे आएगी? क्या छोटे निवेशकों के लिए ये मौका है या खतरा? आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

क्रिप्टोक्वांट की रिपोर्ट ने क्या खुलासा किया है?

मशहूर ऑनचेन एनालिटिक्स कंपनी क्रिप्टोक्वांट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कुछ ऐसे तथ्य उजागर किए हैं जो बताते हैं कि बिटकॉइन के इस नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचते ही बड़े निवेशकों ने मुनाफा वसूलना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते एक्सचेंजों में भेजे जाने वाले बिटकॉइन की संख्या में अचानक बेतहाशा उछाल आया। जहाँ एक हफ्ते पहले सिर्फ 19,000 बिटकॉइन एक्सचेंजों में भेजे गए थे, वहीं 15 जुलाई को यह आंकड़ा सीधे 81,000 बिटकॉइन तक पहुँच गया। यह फरवरी महीने के बाद सबसे बड़ा एक दिन का इनफ्लो देखने को मिला। इस बढ़ोतरी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बड़े निवेशक रहे जिन्होंने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया।

व्हेल्स ने कितने बिटकॉइन बेचे? आंकड़ों ने उड़ाए सबके होश

अब बात करते हैं उन बड़े निवेशकों की जिन्हें क्रिप्टो की दुनिया में व्हेल्स कहा जाता है। क्रिप्टोक्वांट के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ एक हफ्ते के अंदर ही इन बड़े निवेशकों ने 13,000 बिटकॉइन से बढ़ाकर 58,000 बिटकॉइन एक्सचेंजों में भेजे। यानी करीब 345% की बढ़ोतरी। ये आंकड़े साफ इशारा कर रहे हैं कि व्हेल्स ने बिटकॉइन की कीमत में आई तेजी का फायदा उठाकर अपना मुनाफा कैश करना शुरू कर दिया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इतिहास गवाह है कि जब भी बिटकॉइन नई ऊँचाइयाँ छूता है, बड़े निवेशक मुनाफा वसूलने लगते हैं। लेकिन इस बार की बिकवाली कुछ ज्यादा ही भारी है जिसने बाजार में हलचल मचा दी है।

माइनर्स ने भी शुरू की रिकॉर्ड बिकवाली, क्या संकेत हैं?


व्हेल्स के साथ-साथ बिटकॉइन माइनर्स ने भी भारी मात्रा में बिकवाली शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक माइनर्स ने 16,000 बिटकॉइन अपने वॉलेट से एक्सचेंजों में भेजे जो कि पिछले तीन महीनों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। माइनर्स का बिटकॉइन बेचना भी बाजार के लिए एक अहम संकेत होता है। आमतौर पर माइनर्स तब बिकवाली करते हैं जब उन्हें लगता है कि कीमतें अब और ज्यादा नहीं बढ़ेंगी या फिर उन्हें अपने ऑपरेशनल खर्चे पूरे करने होते हैं। माइनर्स की इस भारी बिकवाली से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हो सकता है वो भी मान रहे हों कि बिटकॉइन की कीमत अब थोड़ी स्थिर हो सकती है या फिर Correction आ सकता है।

इथेरियम में भी दिखी तेजी, निवेशकों ने बढ़ाई बिकवाली

सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं बल्कि इथेरियम में भी निवेशकों ने मुनाफा बुक करने की होड़ लगा दी है। 16 जुलाई को इथेरियम के डिपॉजिट 2 मिलियन ETH तक पहुँच गए जो एक हफ्ते पहले की तुलना में दोगुने थे। गौरतलब है कि अप्रैल से अब तक इथेरियम में करीब 131% की तेजी आई है जिसने निवेशकों को मुनाफा बुक करने के लिए प्रेरित किया। इथेरियम की कीमतों में आई इस शानदार बढ़त के बाद निवेशकों ने अपना मुनाफा सुरक्षित करना शुरू कर दिया है। यह एक सामान्य बाजार व्यवहार है जब निवेशक लंबी चली तेजी के बाद मुनाफा वसूलना शुरू कर देते हैं।

ऑल्टकॉइन निवेशकों ने दिखाई समझदारी, बिकवाली का दबाव रहा कम

दिलचस्प बात यह रही कि बिटकॉइन और इथेरियम के मुकाबले ऑल्टकॉइन्स में निवेशकों ने ज्यादा जल्दीबाज़ी नहीं दिखाई। रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन सिर्फ 31,000 ऑल्टकॉइन्स ही एक्सचेंजों में भेजे गए, जो पिछली मार्केट रैली के मुकाबले काफी कम है। इससे यह साफ होता है कि ऑल्टकॉइन होल्डर्स अभी भी बाजार में बने रहने का इरादा रखते हैं और उन्हें लगता है कि ऑल्टकॉइन्स में अभी और तेजी आ सकती है। यह एक सकारात्मक संकेत है जो दिखाता है कि ऑल्टकॉइन निवेशकों का बाजार पर भरोसा बना हुआ है।

बाजार में दिख सकती है अस्थिरता, क्रिप्टोक्वांट ने जताई चिंता

क्रिप्टोक्वांट का कहना है कि जब भी बड़े निवेशक और माइनर्स अचानक बड़ी मात्रा में अपने कॉइन बेचते हैं, तब बाजार में अस्थिरता बढ़ जाती है। फिलहाल जहां बिटकॉइन और इथेरियम में भारी बिकवाली देखी गई है, वहीं ऑल्टकॉइन निवेशक अभी शांत नजर आ रहे हैं। क्रिप्टोक्वांट के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनका कहना है कि ऐसे समय में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बिना सोचे-समझे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।

क्या बिटकॉइन में आ सकता है करेक्शन?

बड़े निवेशकों और माइनर्स की भारी बिकवाली के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिटकॉइन में करेक्शन आ सकता है? इतिहास पर नजर डालें तो पिछले कुछ सालों में जब भी बिटकॉइन नए रिकॉर्ड बनाता है, उसके बाद कुछ समय के लिए कीमतों में समायोजन देखने को मिलता है। हालाँकि यह जरूरी नहीं कि इस बार भी ऐसा ही हो। बिटकॉइन की मांग अभी भी बनी हुई है और संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी भी जारी है। ऐसे में हो सकता है कि यह बिकवाली सिर्फ अल्पकालिक असर दिखाए और बिटकॉइन जल्द ही फिर से अपनी ऊपरी गति पकड़ ले।

छोटे निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

छोटे निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। विशेषज्ञों की सलाह है कि ऐसे समय में निवेशकों को अपनी रणनीति पर कायम रहना चाहिए और भावनात्मक निर्णय नहीं लेने चाहिए। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो ऐसे short-term fluctuations से घबराना नहीं चाहिए। हालाँकि अगर आप short-term trader हैं तो आपको बाजार की हलचल पर नजर रखनी चाहिए और रिस्क मैनेजमेंट का ध्यान रखना चाहिए। किसी भी निर्णय से पहले अपनी रिसर्च जरूर करें।

क्रिप्टो बाजार का भविष्य क्या है?

भले ही अभी short-term में बाजार में कुछ अस्थिरता देखने को मिल रही है, लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञ क्रिप्टो बाजार के long-term future को लेकर आशावादी हैं। बिटकॉइन का institutional adoption बढ़ रहा है और कई देश इसे कानूनी मान्यता दे रहे हैं। इसके अलावा blockchain technology का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में long-term perspective से देखें तो क्रिप्टो करेंसीज़ में अभी भी निवेश के मौके मौजूद हैं। हालाँकि यह याद रखना जरूरी है कि क्रिप्टो बाजार अत्यधिक अस्थिर है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।

निष्कर्ष: सतर्कता बरतने का समय

बिटकॉइन के नए रिकॉर्ड बनाने के बाद व्हेल्स और माइनर्स की भारी बिकवाली ने बाजार में एक नई उथल-पुथल पैदा कर दी है। ऐसे समय में निवेशकों के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। बाजार में short-term correction आ सकता है लेकिन long-term outlook अभी भी सकारात्मक बना हुआ है। निवेशकों को चाहिए कि वो अपनी investment strategy पर कायम रहें और बिना सोचे-समझे कोई कदम न उठाएं। क्रिप्टो बाजार में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है इसलिए किसी भी निवेश से पहले अपनी खुद की रिसर्च करें या किसी वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें।

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