TikTok Latest News: भारत में 5 साल बाद अनब्लॉक हुई वेबसाइट

बड़ा खुलासा: टिकटॉक बैन नहीं हटा, सरकार ने दी सफाई! 5 साल बाद भी वापसी की अफवाहों पर क्या है सच्चाई?

Author & Writer: आज की ताज़ा खबर NEWS - 23 अगस्त 2025
क्या भारत में टिकटॉक से बैन हट गया?

सोशल मीडिया पर आजकल एक खबर ने तूफान ला दिया है। हर कोई यही बात कर रहा है कि भारत में टिकटॉक का बैन हट गया है और अब लोग फिर से वीडियो बना सकेंगे। लेकिन क्या ये सच है? क्या सच में टिकटॉक वापस आ रहा है? या फिर ये सिर्फ एक अफवाह है? आइए जानते हैं पूरी सच्चाई इस हैरान कर देने वाली खबर की।

क्या वाकई अनब्लॉक हो गई टिकटॉक वेबसाइट?

कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से वायरल हो रही है कि टिकटॉक की वेबसाइट भारत में अनब्लॉक हो गई है। कई यूजर्स ने दावा किया कि वो टिकटॉक की साइट को एक्सेस कर पा रहे हैं। इसके बाद तो ऐसा लगा जैसे टिकटॉक की वापसी होने वाली है। लोगों को लगने लगा कि अब वो फिर से अपने पुराने पसंदीदा ऐप पर वीडियो बना सकेंगे। लेकिन असलियत कुछ और ही है।

सरकार ने क्या कहा? क्या है आधिकारिक बयान

इन सभी अफवाहों के बीच भारत सरकार ने साफ किया है कि टिकटॉक पर से बैन हटाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा कि ऐसी कोई भी खबर झूठी और भ्रामक है। सरकार का स्टैंड क्लियर है कि अभी टिकटॉक पर लगा बैन जारी रहेगा। यानी अभी भारत में टिकटॉक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

कब और क्यों लगा था टिकटॉक पर बैन

साल 2020 में भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया था। ये फैसला गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए सैन्य टकराव के बाद लिया गया था। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी को लेकर चिंता जताते हुए ये बड़ा कदम उठाया था। उस वक्त भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा विदेशी मार्केट था और करोड़ों यूजर्स इसका इस्तेमाल कर रहे थे।

क्यों उठ रही हैं वापसी की अफवाहें?

अब सवाल ये है कि आखिर टिकटॉक की वापसी की अफवाहें क्यों उड़ रही हैं? दरअसल, हाल में भारत और चीन के रिश्तों में सुधार देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक बातचीत हुई है और लोगों को लग रहा है कि इससे टिकटॉक जैसे ऐप्स पर से बैन हट सकता है। कुछ यूजर्स का कहना है कि वो टिकटॉक की वेबसाइट का होमपेज तक देख पा रहे हैं, हालांकि आगे की कोई सर्विस वर्क नहीं कर रही है।

क्या है टिकटॉक की करंट स्टेटस?

अभी टिकटॉक का मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर भारत में उपलब्ध नहीं है। अगर कोई यूजर वीपीएन का इस्तेमाल करके भी ऐप को एक्सेस करने की कोशिश करता है तो वो भारत सरकार के नियमों का उल्लंघन करेगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि बैन अभी जारी है और कोई भी ऐसी खबर जो बैन हटने का दावा करती है, वो गलत है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स इस मामले में?

साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि टिकटॉक जैसे चीनी ऐप्स से डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। उनका मानना है कि भारत सरकार का बैन लगाने का फैसला सही था और इसे जल्दी हटाया नहीं जाना चाहिए। एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि भारत में इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स जैसे प्लेटफॉर्म मौजूद हैं जो टिकटॉक का अच्छा विकल्प हैं।

क्या है आम जनता की राय?

आम जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग चाहते हैं कि टिकटॉक वापस आए क्योंकि उन्हें इसका इस्तेमाल करना पसंद था। वहीं दूसरी तरफ कई लोगों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और टिकटॉक जैसे ऐप्स पर बैन जारी रहना चाहिए। सोशल मीडिया पर इस मामले पर तगड़ी बहस चल रही है।

क्या राजनीति हो रही है इस मुद्दे पर?

इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कुछ राजनीतिक दल सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार को साफ तौर पर बताना चाहिए कि आखिर टिकटॉक पर बैन कब तक जारी रहेगा और क्या कोई ठोस नीति है इस बारे में।

क्या है भविष्य की संभावना?

भविष्य में क्या होगा ये कहना मुश्किल है। अगर भारत और चीन के रिश्ते और बेहतर होते हैं तो शायद टिकटॉक जैसे ऐप्स पर से बैन हटाया जा सकता है। लेकिन फिलहाल सरकार का रुख साफ है कि बैन जारी रहेगा। आने वाले समय में क्या होता है, ये तो वक्त ही बताएगा।

क्या हैं टिकटॉक के विकल्प?

टिकटॉक के बैन के बाद भारत में कई देसी ऐप्स आए लेकिन ज्यादातर सफल नहीं हो पाए। हालांकि, इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स ने इस जगह को अच्छे से भर दिया है। भारतीय यूजर्स अब इन प्लेटफॉर्म्स का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं और शॉर्ट वीडियोज बना रहे हैं।

सरकार की नीति क्या है चीनी ऐप्स पर?

भारत सरकार की नीति साफ है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर किसी ऐप से डेटा सुरक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है तो सरकार उस पर बैन लगा सकती है। सरकार का कहना है कि ये फैसला देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है और इसे बदला नहीं जाएगा।

क्या कहते हैं यूजर्स इस मामले में?

कई यूजर्स को टिकटॉक की वापसी का इंतजार है। वो चाहते हैं कि ऐप फिर से उपलब्ध हो ताकि वो अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकें। हालांकि, कई यूजर्स का कहना है कि उन्होंने दूसरे प्लेटफॉर्म्स के साथ एडजस्ट कर लिया है और अब उन्हें टिकटॉक की जरूरत नहीं है।

क्या है ग्लोबल स्टैंडर्ड डेटा प्राइवेसी पर?

दुनिया भर में डेटा प्राइवेसी को लेकर चिंता बढ़ रही है। कई देश चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुके हैं क्योंकि उन्हें डेटा चोरी का खतरा है। भारत का ये फैसला ग्लोबल ट्रेंड के साथ ही है जहां देश अपने नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

क्या है भारत की डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसी?

भारत अपनी डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसी पर काम कर रहा है। सरकार चाहती है कि भारतीयों का डेटा भारत में ही स्टोर हो और उसे सुरक्षित रखा जाए। इसी वजह से चीनी ऐप्स पर बैन लगाया गया था क्योंकि उनके डेटा सर्वर चीन में थे और डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता थी।

क्या है अगला स्टेप?

अगला स्टेप ये है कि सरकार अपनी डेटा सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करेगी। साथ ही, देसी ऐप्स को प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि वो टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स का विकल्प बन सकें। भविष्य में शायद भारत का अपना कोई शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म आए जो पूरी तरह से सुरक्षित हो।

क्या है पब्लिक इम्पैक्ट एनालिसिस?

टिकटॉक के बैन का पब्लिक पर मिक्स्ड इम्पैक्ट पड़ा है। एक तरफ जहां क्रिएटर्स को अपना प्लेटफॉर्म खोना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ देश की सुरक्षा को फायदा हुआ है। लोगों ने धीरे-धीरे दूसरे प्लेटफॉर्म्स के साथ एडजस्ट कर लिया है। हालांकि, कई लोग अभी भी टिकटॉक की वापसी चाहते हैं।

क्या है सोशल मीडिया का रोल?

सोशल मीडिया पर अफवाहें तेजी से फैलती हैं। टिकटॉक की वापसी की खबर भी एक अफवाह थी जो वायरल हो गई। लोगों को हमेशा सच्चाई जानने के लिए आधिकारिक सूत्रों पर भरोसा करना चाहिए न कि सोशल मीडिया की अफवाहों पर।

क्या है कंक्लूजन?

कंक्लूजन ये है कि अभी टिकटॉक पर बैन जारी है और सरकार ने इसे हटाने का कोई आदेश नहीं दिया है। भविष्य में क्या होगा ये तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल भारतीय यूजर्स को इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स जैसे प्लेटफॉर्म्स का ही इस्तेमाल करना होगा।

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