Whales की एंट्री से बढ़ा बवाल – क्या Pepe Coin बनेगा अगला Dogecoin?
Author - Aaj Ki Taza Khabar
अगर आपने पेपे कॉइन (Pepe Coin) में इन्वेस्ट किया है तो आपके लिए बड़ी खबर है। क्रिप्टो मार्केट में इन दिनों एक नया भूचाल आने वाला है और इसकी वजह है पेपे कॉइन। हाल ही में बड़े-बड़े व्हेल्स (बड़े इन्वेस्टर्स) ने पेपे के 650 अरब कॉइन्स खरीदे हैं। यह खबर सुनकर मार्केट में एक सनसनी फैल गई है। सबका सवाल है कि क्या पेपे कॉइन 2025 तक 1 रुपये का हो सकता है? आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स।
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| Pepe price prediction: क्या 2025 में पहुंचेगा 1 रुपया? Whales ने खरीदे 650 अरब coins! जानिए इस बड़े उछाल का राज और क्या है भविष्य। Pepe coin, cryptocurrency, Ethereum, meme coin, whale accumulation. |
पेपे कॉइन की कीमत में आया तगड़ा उछाल
पेपे कॉइन की कीमत ने 23 अगस्त की शनिवार को एक बड़ा जम्प लगाया। इसकी वैल्यू 0.000015 डॉलर के लगभग पहुंच गई, जो कि इसी हफ्ते की लो वैल्यू 0.000009850 डॉलर से काफी ऊपर है। यह उछाल कई वजह से आया, जैसे जेरोम पॉवेल का डोविश स्पीच, इथेरियम का सराफा चढ़ना और व्हेल्स का पेपे कॉइन्स को जमकर खरीदना। ये सभी फैक्टर्स मिलकर पेपे कॉइन के प्राइस को आसमान की ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काफी हैं। अब देखना ये है कि ये सिलसिला आगे भी जारी रहता है या नहीं।
व्हेल्स ने क्यों बढ़ाया पेपे कॉइन पर दांव?
बड़े इन्वेस्टर्स यानी व्हेल्स लगातार पेपे टोकन्स को जमा कर रहे हैं। नैन्सेन के डेटा के मुताबिक, इन व्हेल्स के पास अब 8.79 ट्रिलियन कॉइन्स हैं, जो पिछले 30 दिनों में 650 अरब कॉइन्स की बढ़ोतरी दर्शाता है। टॉप 100 पेपे होल्डर्स ने भी अपना हिस्सा बढ़ाया है और अब उनके पास 306.84 ट्रिलियन टोकन्स हैं। ये आंकड़े साफ इशारा कर रहे हैं कि बड़े प्लेयर्स को पेपे कॉइन के भविष्य पर भरोसा है। वो मान रहे हैं कि आने वाले समय में इसकी कीमत और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।
एक्सचेंजों पर पेपे कॉइन्स की संख्या हुई कम
व्हेल्स की इस भारी खरीदारी का सीधा असर यह हुआ है कि एक्सचेंजों पर पेपे कॉइन्स की संख्या कई महीनों के लो लेवल यानी 253.40 ट्रिलियन तक पहुंच गई है। इसका मतलब साफ है कि इन्वेस्टर्स की डिमांड पेपे कॉइन के प्रति काफी मजबूत हुई है और वो इन्हें बेचने के बजाय होल्ड करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जब एक्सचेंज पर सप्लाई कम होती है और डिमांड ज्यादा, तो कीमतों में उछाल आना तय माना जाता है।
फंडिंग रेट भी हरा-भरा
पेपे कॉइन का वेटेड फंडिंग रेट भी इस महीने पूरी तरह ग्रीन यानी पॉजिटिव रहा है। फंडिंग रेट वह फीस है जो बुल्स (जो खरीदारी करते हैं) और बेयर्स (जो बेचते हैं) एक-दूसरे को देते हैं। ग्रीन फंडिंग रेट का मतलब है कि बुल्स को उम्मीद है कि पेपे कॉइन की कीमत आगे और बढ़ेगी और वो इसके लिए बेयर्स को फीस देने को तैयार हैं। यह एक बहुत ही पॉजिटिव संकेत है मार्केट के लिए।
इथेरियम के सराफे से पेपे को फायदा
पेपे कॉइन को इथेरियम के प्राइस सर्ज से भी काफी फायदा मिल रहा है। जैसे-जैसे ETH की कीमत रिकॉर्ड हाइट्स को छू रही है, वैसे-वैसे इसके इकोसिस्टम के टॉप क्वालिटी टोकन्स में भी उछाल आना स्वाभाविक है। पेपे कॉइन इथेरियम ब्लॉकचेन पर बना दूसरा सबसे बड़ा मीम कॉइन है, इसलिए ETH की सक्सेस का सीधा फायदा उसे मिलता है। इथेरियम नेटवर्क पर एक्टिविटी बढ़ने से उस पर बने टोकन्स की डिमांड अपने आप बढ़ जाती है।
टेक्निकल एनालिसिस क्या कहता है?
डेली टाइमफ्रेम पर देखें तो पेपे कॉइन की कीमत ने 0.000009850 डॉलर पर एक बुलिश डबल-बॉटम पैटर्न बनाया है। यह पैटर्न अब धीरे-धीरे अपनी नेकलाइन 0.00001265 डॉलर के पास पहुंच रहा है। डबल-बॉटम टेक्निकल एनालिसिस में सबसे कॉमन बुलिश रिवर्सल पैटर्न माना जाता है। जब कोई कॉइन इस तरह का पैटर्न बनाता है तो उसके प्राइस में एक बड़ा उछाल आने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
सिमेट्रिकल ट्राएंगल का कनेक्शन
यह पैटर्न सिमेट्रिकल ट्राएंगल पैटर्न के साथ भी मेल खा रहा है, जिसकी दो लाइन्स अब उस कॉन्फ्लुएंस लेवल पर पहुंच रही हैं जहां से ज्यादातर ब्रेकआउट होते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पेपे कॉइन की कीमत आने वाले दिनों या हफ्तों में एक बुलिश ब्रेकआउट दे सकती है। सिमेट्रिकल ट्राएंगल एक कंटिन्यूएशन पैटर्न है, जो ये दिखाता है कि मार्केट एक डिसिजन पॉइंट पर पहुंच रहा है।
कितना हो सकता है टारगेट?
सिमेट्रिकल ट्राएंगल का सबसे चौड़ा हिस्सा लगभग 52% का है। अगर ब्रेकआउट पॉइंट से इस दूरी को मापा जाए तो इसका टारगेट 0.00001890 डॉलर तक पहुंच सकता है, जो कि करंट लेवल से लगभग 65% की बढ़ोतरी दर्शाता है। यह एक बहुत बड़ा उछाल होगा। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि टेक्निकल एनालिसिस हमेशा 100% सही नहीं होती और मार्केट कंडीशन के हिसाब से रिजल्ट बदल भी सकते हैं।
⚠️ Disclaimer
यह आर्टिकल केवल शैक्षिक और सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए किसी भी cryptocurrency, coin या token का ज़िक्र investment advice नहीं है। Crypto market अत्यधिक volatile और high risk है, इसलिए किसी भी तरह का निवेश करने से पहले स्वयं research करें और आवश्यकता पड़ने पर financial advisor की सलाह ज़रूर लें।
क्या 2025 में पेपे 1 रुपया छू पाएगा?
यह सवाल हर किसी के मन में है। अभी पेपे कॉइन की कीमत बहुत कम है। 1 रुपया यानी लगभग 0.012 डॉलर बनता है। अभी की कीमत से वहां पहुंचने के लिए इसे हज़ारों गुना बढ़ना होगा। यह तभी संभव है अगर क्रिप्टो मार्केट में कोई बहुत बड़ा बुल रन आए और पेपे कॉइन उसकी लीडरशिप करे। हालांकि, यह एक बहुत ही आशावादी सीनario है और इसमें बहुत ज्यादा रिस्क है। निवेशकों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
पेपे कॉइन की मौजूदा कीमत क्या है?
इस लेख के लिखे जाने तक, पेपे कॉइन की कीमत लगभग $0.000015 के आसपास चल रही है। यह कीमत लगातार बदलती रहती है क्योंकि क्रिप्टो करेंसी का मार्केट बहुत ही वोलेटाइल है। कीमतों पर कई फैक्टर्स का असर पड़ता है, जैसे ग्लोबल मार्केट कंडीशन, बिटकॉइन और इथेरियम की परफॉर्मेंस, रेगुलेटरी न्यूज और व्हेल्स की एक्टिविटी।
क्या है पेपे कॉइन का इतिहास और कॉन्सेप्ट?
पेपे कॉइन एक मीम कॉइन है जो इंटरनेट के पोपुलर "Pepe the Frog" मीम से प्रेरित है। यह इथेरियम ब्लॉकचेन पर बना एक ERC-20 टोकन है। बहुत सारे मीम कॉइन्स की तरह, इसका भी कोई खास उपयोग या उद्देश्य नहीं है, बल्कि यह सिर्फ कम्युनिटी और कल्चरल ट्रेंड्स पर चलता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी ऑनलाइन कम्युनिटी है जो इसे प्रमोट करती है।
व्हेल एक्टिविटी का पेपे प्राइस पर क्या असर पड़ता है?
व्हेल एक्टिविटी का किसी भी क्रिप्टो करेंसी की कीमत पर बहुत गहरा असर पड़ता है। जब व्हेल्स बड़ी मात्रा में कॉइन्स खरीदते हैं, तो मार्केट में सप्लाई कम हो जाती है और डिमांड बढ़ जाती है, जिससे प्राइस बढ़ता है। इसके उलट, जब व्हेल्स बेचना शुरू करते हैं, तो प्राइस गिरने लगता है। पेपे कॉइन के साथ भी यही हो रहा है। व्हेल्स की खरीदारी ने छोटे निवेशकों का भी भरोसा बढ़ाया है।
क्रिप्टो मार्केट के अनएक्सपेक्टेड हीरो: मीम कॉइन्स
मीम कॉइन्स क्रिप्टो मार्केट के अनएक्सपेक्टेड हीरो बनकर उभरे हैं। Doge coin और शिबा इनु जैसे कॉइन्स ने लाखों लोगों को अमीर बनाया है। पेपे कॉइन भी इसी रास्ते पर चलता दिख रहा है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि जिस तेजी से ये कॉइन ऊपर जाते हैं, उसी तेजी से नीचे भी आ सकते हैं। इनमें निवेश करना एक सट्टे के समान है।
पब्लिक इम्पैक्ट एनालिसिस: क्या है आम निवेशकों के लिए मतलब?
इस पूरे डेवलपमेंट का आम निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा? व्हेल्स की खरीदारी एक पॉजिटिव सिग्नल है। इससे छोटे इन्वेस्टर्स का भी कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और वो पेपे कॉइन में इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्रेरित होंगे। हालांकि, मीम कॉइन्स हमेशा हाई रिस्क हाई रिवार्ड वाले होते हैं। इनमें निवेश करने से पहले अपनी रिस्क क्षमता जरूर समझ लें। मार्केट में उतार-चढ़ाव बहुत तेजी से आते हैं। एक दिन में ही आपका पैसा दोगुना भी हो सकता है और आधा भी रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि Only that amount को इन्वेस्ट करें जिसे आप lose कर सकें।
अगर आप पेपे कॉइन में इन्वेस्टमेंट के बारे में सोच रहे हैं तो पहले पूरी रिसर्च कर लें। सिर्फ व्हेल्स की खरीदारी देखकर कोई फैसला न लें। क्रिप्टोकरंसी की दुनिया बहुत वोलेटाइल है। कभी भी उतना ही पैसा लगाएं जिसके डूब जाने का रिस्क आप ले सकें। मार्केट के ट्रेंड को समझें, एक्सपर्ट्स की राय लें और फिर कोई कदम उठाएं। अपने इन्वेस्टमेंट goals को सेट करें और stop-loss का use जरूर करें ताकि ज्यादा नुकसान से बच सकें। यह आर्टिकल सिर्फ शिक्षा के उद्देश्य से है, निवेश की सलाह नहीं है। किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
