मनोज जारंगे को मिली राहत, लेकिन सिर्फ़ एक दिन के लिए

मराठा आंदोलन: मनोज जरांगे को मिला 'एक दिन का चैंपियन'! पर पुलिस की चेतावनी... कल क्या होगा?

अरे भाइयो और बहनों, मुंबई का आजाद मैदान आज कुछ सामान्य दिख नहीं रहा है... हजारों मराठा समाज के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा है... और इसके ठीक बीचोंबीच हैं मनोज जरांगे पाटील... जिन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया है... आज शाम छह बजे इस आंदोलन की मियाद खत्म होनी थी... पर क्या हुआ? पुलिस ने एक दिन की मोहलत बढ़ाने का फैसला किया... पर ये मोहलत मिली कैसे? पुलिस के दिमाग में क्या चल रहा है? और कल इस आंदोलन का क्या होगा? चलिए, समझते हैं पूरा मामला।

मनोज जारंगे को राहत, लेकिन सिर्फ़ एक दिन के लिए! क्या है पुलिस का फ़ैसला?

मोहलत बढ़ाने की अर्जी और पुलिस की चर्चा

ये सब कैसे शुरू हुआ? दरअसल, मनोज जरांगे ने आजाद मैदान पुलिस थाने के पास एक अर्जी दाखिल की थी... जिसमें आंदोलन जारी रखने की इजाजत मांगी गई थी... ये अर्जी मिलते ही मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इकट्ठा हुए... उन्होंने इस मामले पर गंभीर चर्चा की... आज आंदोलन में हुई ट्रैफिक रुकावट पर भी उन्होंने बात की होगी... और आखिर में एक अहम फैसला लिया... आंदोलन को सिर्फ एक दिन की मोहलत देने का... ये फैसला किसके पलड़े भारी होगा ये कल सब देख रहे होंगे।

पुलिस की शर्तें और चेतावनी

पुलिस ने मोहलत बढ़ाना मंजूर तो कर लिया है... पर इसके साथ ही कुछ शर्तें भी लगा दी हैं ऐसा सूत्रों ने बताया है... आज आंदोलकों की तरफ से ट्रैफिक रोकना, सड़कें जाम करना जैसी घटनाएं हुईं... जिससे मुंबईकरों को काफी दिक्कत झेलनी पड़ी... इसीलिए पुलिस अब आगे की चाल को लेकर सतर्क है... ऐसे सूत्र बताते हैं कि कल किसी भी तरह की ट्रैफिक रुकावट न हो इसका खास ख्याल रखा जाएगा... साथ ही आंदोलन शांति से पूरा करने पर जोर दिया जाएगा... अगर इनमें से कोई भी नियम टूटता है तो पुलिस की तरफ से सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

मनोज जरांगे की जिद और समर्थकों का जोश

मनोज जरांगे की राय बिल्कुल साफ है... वो कहते हैं कि आरक्षण की मांग पूरी होने तक वो आंदोलन नहीं रोकेंगे... उनकी इसी जिद की वजह से हजारों समर्थक उनके साथ आजाद मैदान पर डटे हुए हैं... उपवास का कोई असर नहीं हो रहा फिर भी उनका हौसला कम नहीं हुआ है... समाज के हक के लिए लड़ने की उनकी तैयारी पूरी है... अब ये मोहलत मिलने से उनके हौसले को और बल मिला है... पर सवाल ये है कि ये मोहलत सिर्फ एक दिन की ही क्यों? क्या सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक संकेत आ रहा है? इससे अंदाजा लगाना मुश्किल है।

सरकार और आंदोलन के बीच की चाल

इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका क्या है ये साफ नहीं है... आंदोलन कर रहे ग्रुप से सरकार ने सीधी बातचीत नहीं की ऐसा लगता है... पर पुलिस के जरिए मोहलत मंजूर करना एक तरह का संदेश हो सकता है... कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और हल निकालने की कोशिश कर रही है... कुछ राजनीतिक नेता इस आंदोलन का समर्थन करते दिख रहे हैं... तो कुछ इसे राजनीतिक रंग देते दिख रहे हैं... इस सबसे एक ही सवाल मन में आता है कि आखिर सरकार इस मांग पर क्या फैसला लेगी? कल ये सवाल सुलझेगा क्या?

कल के दिन का महत्व और अंदाजा

कल का दिन इस आंदोलन के लिए बेहद अहम होने वाला है... क्योंकि ये मोहलत आखिरी हो सकती है... पुलिस की तरफ से लगाई गई शर्तें मानी गईं तभी आंदोलन बिना रुकावट चल सकेगा... फिलहाल पुलिस की तैयारी पूरी है... आजाद मैदान और आसपास के इलाके में पुलिस ने कड़ा पहरा बिठा दिया है... किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो इस पर उनका फोकस है... मनोज जरांगे ने भी अपने समर्थकों को कल शांति बनाए रखने का आदेश दिया है... कल शाम तक कुछ ठोस नतीजा नहीं निकला तो क्या फिर से मोहलत मिलेगी? इस पर शक की सूरत है।

मुंबईकरों पर पड़ने वाला असर

इस आंदोलन की वजह से मुंबईकरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है... आज हुई ट्रैफिक जाम की वजह से लोग सड़कों पर फंस गए थे... ऑफिस जाने वाले लोग, स्कूल के बच्चे सबको इसका नुकसान उठाना पड़ा... कल इस स्थिति से बचने के लिए आंदोलकों को अनुशासन में रहना होगा... पुलिस ने भी ट्रैफिक रूट्स को अलग करने की योजना बनाई है... पर फिर भी मुंबईकरों को कल ज्यादा से ज्यादा समय घर पर रहना चाहिए या वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना चाहिए।

आरक्षण की मांग की पृष्ठभूमि

मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग काफी पुरानी है... इसके लिए कई बार आंदोलन हो चुके हैं... मनोज जरांगे इस मांग के एक प्रमुख चेहरे बन गए हैं... उन्होंने अपने आंदोलन से सरकार पर दबाव बढ़ाया है... मराठा समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए आरक्षण की जरूरत है ऐसा उनका मानना है... इससे समाज में एक अलग ही बहस शुरू हो गई है... कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं तो कुछ इसके खिलाफ हैं... सरकार को इस पर क्या राय देनी चाहिए ये एक बड़ा सवाल है।

राजनीतिक पार्टियों की क्या प्रतिक्रिया?

इस आंदोलन पर राजनीतिक पार्टियों ने क्या रुख अपनाया है इससे काफी कुछ समझा जा सकता है... शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसे कई पार्टियां इस आंदोलन से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं... कुछ पार्टियों ने आंदोलन का समर्थन दिखाया है... तो कुछ इसे राजनीतिक रंग दे रही हैं... फिलहाल सरकार में बैठी पार्टियों पर इससे दबाव बना हुआ है... उन्हें या तो आंदोलन को नजरअंदाज करना होगा या फिर उनकी मांग माननी होगी... इससे राजनीतिक मुश्किलें पैदा हो गई हैं।

सोशल मीडिया पर चल रही चर्चा

सोशल मीडिया पर इस आंदोलन को लेकर काफी चर्चा शुरू हो गई है... #MarathaReservation, #ManojJarange, #AzadMaidan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं... कुछ लोग आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसकी आलोचना कर रहे हैं... मुंबईकरों ने आज हुए ट्रैफिक जाम पर अपना दुख जताया है... तो मराठा समाज के लोग अपनी मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं... इससे एक अलग ही विवाद का माहौल बन गया है।

कल क्या होगा इस पर सबकी नजर

कल शाम छह बजे ये मोहलत खत्म हो जाएगी... उसके बाद क्या होगा? क्या पुलिस इजाजत फिर बढ़ाएगी? क्या सरकार कोई ठोस घोषणा करेगी? या फिर आंदोलन और भी अलग रूप ले लेगा? इन सभी सवालों के जवाब कल मिलने वाले हैं... फिलहाल सबकी नजर कल के दिन पर टिकी हुई है... मनोज जरांगे ने भी अपने समर्थकों को कल शांति बनाए रखने का आदेश दिया है... पर फिर भी क्या होगा इसको लेकर एक अनिश्चितता बनी हुई है।

आखिरी शब्द और भविष्यवाणी

ये आंदोलन सिर्फ एक दिन की मोहलत बढ़ने तक ही थमा हुआ है... पर इसके पीछे एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष दिख रहा है... सरकार को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला लेना जरूरी है... नहीं तो ये मामला और भी गंभीर हो सकता है... मराठा समाज के लोगों को न्याय मिले ये सबकी चाहत है... पर वो कैसे मिलेगा यही सबसे बड़ा सवाल है... कल ये सब किस दिशा में मुड़ता है यही सब कुछ तय करेगा।

तुम्हारा क्या ख्याल है?

क्या मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए? इस आंदोलन का मुंबई पर पड़ने वाला असर सही है? सरकार को क्या करना चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट करके जरूर बताएं। और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये जरूरी जानकारी सब तक पहुंच सके।

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