साइबर क्राइम से कैसे बचें? जानिए वो जरूरी टिप्स जो आपको ऑनलाइन हैकर्स और फ्रॉड से बचाएंगी।
आजकल तो हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है, चाहे वो बैंकिंग हो, शॉपिंग हो या फिर सोशल मीडिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस डिजिटल दुनिया में आपकी एक छोटी सी गलती आपका सबकुछ लूटा सकती है। जी हां, साइबर क्राइम यानी ऑनलाइन अपराध आज एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है। रोजाना हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं, उनका पैसा गायब हो रहा है, उनके सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो रहे हैं और उनकी निजी जानकारी चोरी हो रही है। अगर आप भी इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं तो आपको सचेत हो जाने की जरूरत है। साइबर क्राइम से बचने के लिए आपको कुछ आसान लेकिन जरूरी कदम उठाने होंगे। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देने वाले हैं जो आपको और आपके परिवार को ऑनलाइन फ्रॉड से सुरक्षित रखेंगे।
मजबूत पासवर्ड है सबसे जरूरी
साइबर क्राइम से बचने का सबसे पहला और आसान तरीका है एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना। अक्सर लोग अपना पासवर्ड अपने नाम, जन्मतिथि या 123456 जैसी आसान चीजें रखते हैं जिसे हैक करना बहुत आसान होता है। आपको हमेशा एक ऐसा पासवर्ड बनाना चाहिए जिसमें अक्षर, संख्या और विशेष characters शामिल हों। अपने अलग अलग अकाउंट्स के लिए अलग अलग पासवर्ड इस्तेमाल करें ताकि एक अकाउंट हैक होने पर दूसरे अकाउंट सुरक्षित रहें। पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहना भी जरूरी है। अगर आपको पासवर्ड याद रखने में दिक्कत होती है तो आप पासवर्ड मैनेजर ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को न करें इग्नोर
साइबर क्राइम से बचने के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन यानी 2FA एक बहुत ही अच्छा तरीका है। इसे enable करने के बाद आपके अकाउंट में लॉगिन करने के लिए सिर्फ पासवर्ड ही काफी नहीं होगा, बल्कि एक और स्टेप जोड़ दिया जाएगा जैसे कि आपके मोबाइल पर एक OTP आना। इसका मतलब है कि अगर कोई हैकर आपका पासवर्ड चुरा भी लेता है तो भी वह आपके अकाउंट में नहीं घुस सकता क्योंकि उसके पास OTP नहीं होगा। आपको अपने सभी जरूरी अकाउंट्स जैसे कि बैंकिंग, ईमेल और सोशल मीडिया पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर enable करना चाहिए। यह साइबर क्राइम से लड़ने की एक मजबूत दीवार है।
सॉफ्टवेयर अपडेट को न करें नजरअंदाज
कई बार लोग सॉफ्टवेयर के अपडेट आने पर उसे इग्नोर कर देते हैं या टाल देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सुरक्षा के लिए कितना जरूरी है। दरअसल, सॉफ्टवेयर अपडेट में पुरानी vulnerabilities को ठीक किया जाता है जिनका इस्तेमाल हैकर्स आपके डिवाइस में घुसपैठ करने के लिए कर सकते हैं। अगर आप अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर या किसी भी ऐप को अपडेट नहीं करते हैं तो आप हैकर्स के लिए एक आसान टार्गेट बन सकते हैं। इसलिए हमेशा अपने सभी सॉफ्टवेयर और ऐप्स को तुरंत अपडेट करें। अगर possible हो तो ऑटोमेटिक अपडेट का option enable कर दें ताकि आपको याद भी न रखना पड़े।
फिशिंग ईमेल और मैसेज से रहें सावधान
फिशिंग साइबर क्राइम का सबसे common तरीका है। इसमें हैकर्स आपको एक ईमेल या मैसेज भेजते हैं जो किसी बैंक या कंपनी की तरह दिखता है। उसमें एक लिंक होता है और आपसे कहा जाता है कि आप अपना पासवर्ड या पर्सनल डिटेल्स update करें। जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं और अपनी जानकारी डालते हैं, वह सीधा हैकर्स के पास पहुंच जाती है। कई बार तो उन लिंक्स पर क्लिक करते ही आपके डिवाइस में malware install हो जाता है। इसलिए किसी भी अनजान ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से बचें। हमेशा URL चेक करें और अगर कोई ऑफर बहुत ज्यादा अच्छा लगे तो उसपर शक जरूर करें।
निजी जानकारी शेयर करने में बरतें सावधानी
सोशल मीडिया पर लोग अपनी पर्सनल लाइफ की हर छोटी बड़ी जानकारी शेयर कर देते हैं, जैसे कि घर का पता, जन्मतिथि, फोन नंबर, यहां तक कि अपने बच्चों के स्कूल का नाम भी। हैकर्स के लिए यह सब information एक goldmine की तरह होती है। वो इस जानकारी का इस्तेमाल आपके पासवर्ड guess करने या आपको target करने के लिए कर सकते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि ऑनलाइन क्या शेयर कर रहे हैं। अपनी privacy settings को हमेशा high पर रखें और सिर्फ known लोगों के साथ ही जानकारी शेयर करें। साइबर क्राइम से बचने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी निजी जानकारी को private रखें।
सार्वजनिक Wi-Fi का इस्तेमाल करते वक्त रहें अलर्ट
मॉल, एयरपोर्ट या कैफे में मिलने वाली फ्री पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। ये नेटवर्क अक्सर insecure होते हैं और हैकर्स आसानी से उस नेटवर्क पर आने वाले और जाने वाले डेटा को track कर सकते हैं। अगर आप इस तरह के नेटवर्क पर बैंकिंग जैसी कोई sensitive activity करते हैं तो आपका यूजरनेम और पासवर्ड चोरी हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि पब्लिक Wi-Fi का इस्तेमाल न करें। अगर करना ही पड़े तो किसी अच्छे VPN का इस्तेमाल जरूर करें जो आपके डेटा को encrypt कर देता है और हैकर्स से बचाता है। साइबर क्राइम से बचने के लिए यह एक important step है।
ऐप डाउनलोड करते समय रखें इन बातों का ध्यान
अपने फोन पर कोई भी नया ऐप डाउनलोड करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। सिर्फ official app stores जैसे Google Play Store य Apple App Store से ही ऐप्स डाउनलोड करें। third-party websites से ऐप डाउनलोड करना risky हो सकता है क्योंकि उनमें malware छुपा हो सकता है। ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी reviews और ratings जरूर check कर लें। साथ ही, ऐप को install करते समय वो permissions देखें जो वो मांग रहा है। अगर कोई simple game ऐप आपके contacts, messages या location तक की access मांग रहा है तो यह suspicious हो सकता है। ऐसे ऐप्स को install न करें।
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को करें इंस्टॉल
अपने कंप्यूटर और स्मार्टफोन पर एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर install करना न भूलें। यह सॉफ्टवेयर आपके डिवाइस को viruses, malware, और other online threats से बचाता है। यह आपको suspicious websites पर जाने से रोकता है और अगर कोई malware आपके डिवाइस में आ भी जाए तो उसे detect करके remove कर देता है। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को regularly update करते रहें ताकि वो नए नए threats को पहचान सके। यह साइबर क्राइम से बचाव का एक basic लेकिन बहुत effective तरीका है जिसे everyone को follow करना चाहिए।
यूपीई फ्रॉड से बचने के उपाय
आजकल UPI फ्रॉड बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। हैकर्स आपको फोन करके खुद को बैंक अधिकारी बताते हैं और आपसे UPI PIN या OTP मांगते हैं। ध्यान रखें, कोई भी बैंक या कंपनी कभी भी आपसे आपका PIN या OTP नहीं पूछती। अगर कोई ऐसा करता है तो वह fraud है। किसी भी unknown number से आए link पर क्लिक न करें। UPI ऐप का इस्तेमाल करते समय payee का details double check कर लें। किसी भी unknown person को money transfer न करें। अगर आपको कोई भी suspicious activity दिखे तो तुरंत अपने बैंक को report करें।
अगर शिकार बन ही गए तो क्या करें
अगर आप साइबर क्राइम का शिकार बन जाते हैं तो सबसे पहले घबराएं नहीं। तुरंत अपने बैंक को कॉल करके अपने कार्ड और अकाउंट को block करवाएं। इसके बाद राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर जाकर complaint दर्ज करें। आप helpline number 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं। जितनी जल्दी हो सके complaint करें, उतना अच्छा है। अपने डिवाइस को scan करें और सभी passwords change कर दें। साइबर क्राइम की report करना बहुत जरूरी है ताकि दूसरे लोग भी सुरक्षित रह सकें।
बच्चों को सिखाएं साइबर सेफ्टी
आजकल बच्चे भी इंटरनेट का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जरूर सिखाएं। उन्हें बताएं कि unknown लोगों से chat न करें, अपनी personal information किसी के साथ शेयर न करें, और अगर कोई उन्हें परेशान करे तो तुरंत parents को बताएं। parental control software का इस्तेमाल करके आप उनके ऑनलाइन activity पर नजर रख सकते हैं। बच्चों को साइबर क्राइम के खतरों से aware करना बहुत जरूरी है।
पब्लिक इम्पैक्ट एनालिसिस
साइबर क्राइम सिर्फ एक व्यक्ति का नुकसान नहीं करता, इसका असर पूरे समाज पर पड़ता है। लोगों का technology और digital banking पर से trust उठ जाता है। जो लोग पहले से ही डिजिटल दुनिया से डरते हैं, वो और पीछे हट जाते हैं। इससे देश की digital growth affect होती है। अगर हर व्यक्ति थोड़ी सी सावधानी बरते तो साइबर क्राइम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। awareness फैलाना बहुत जरूरी है। सरकार और बैंकों को भी मिलकर काम करना चाहिए और लोगों को secure digital platforms provide करने चाहिए। साइबर क्राइम से लड़ना हम सबकी joint responsibility है।
