राजनीतिक भूचाल! राहुल गांधी का बम फोड़ा - "महाराष्ट्र चुनाव में 40 लाख फर्जी वोट", चुनाव आयोग बोला - "बेतुके आरोप", जानिए किसके पक्ष में है सच्चाई?
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों ने मचाई सियासी हलचल।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव के आखिरी पांच महीनों में लगभग 40 लाख फर्जी वोट डाले गए और मतदाता सूची में संदिग्ध तरीके से बदलाव किए गए । इन आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान ला दिया है, जहां विपक्ष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है, वहीं सत्तापक्ष इन आरोपों को "बेबुनियाद" और "हार की कुत्सित मानसिकता" बता रहा है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि शाम 5 बजे के बाद अचानक वोटर टर्नआउट बढ़ गया था और यह सब पहले से प्लान किया गया था । उन्होंने चुनाव आयोग से मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की, लेकिन आयोग ने इसे ठुकरा दिया ।
![]() |
| "राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप से महाराष्ट्र की राजनीति में मचा घमासान" |
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को किया खारिज।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने राहुल गांधी के आरोपों का जमकर विरोध किया है। आयोग ने कहा कि ये आरोप "बेतुके" हैं और तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है । ECI ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव प्रक्रिया बेहद पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थी, जिसमें 1,00,186 से ज्यादा बूथ लेवल अधिकारी (BLO), 288 इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, 139 जनरल ऑब्जर्वर, 41 पुलिस ऑब्जर्वर, 71 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर और 288 रिटर्निंग अधिकारी तैनात थे । आयोग ने यह भी कहा कि कांग्रेस के 28,421 एजेंट भी चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा थे, इसलिए ऐसे आरोप लगाना उनकी ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा करता है । मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कुछ दल "आयोग के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं" और गलत सूचना फैला रहे हैं ।
महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने दिया तीखा जवाब।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ये कांग्रेस की हार से उपजा एक हताशा भरा दावा है । उन्होंने कहा, "झूठ बोले कौवा काटे, काले कौवे से डरियो" - यह साफ है कि महाराष्ट्र में आपकी पार्टी की अपमानजनक हार का दंश दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है । फडणवीस ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि कांग्रेस के अपने ही नेताओं के चुनाव क्षेत्रों में मतदाता सूची में वृद्धि हुई थी, जहां वे जीते भी थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पश्चिमी नागपुर में वोटर्स में 7% की वृद्धि हुई और कांग्रेस के विकास ठाकरे जीते, उत्तर नागपुर में 7% वृद्धि के साथ नितिन राउत जीते, और पुणे के वडगांव शेरी में 10% बढ़ोतरी के साथ शरद पवार गुट के बापू पठारे ने जीत हासिल की ।
विपक्ष ने उठाए चुनाव आयोग पर सवाल।
राहुल गांधी के आरोपों को विपक्षी दलों का पूरा समर्थन मिला है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने चुनाव आयोग की निष्ठा पर सवाल उठाए और कहा कि राहुल गांधी ने दिखाया है कि कैसे मतदाता सूची से नाम संदिग्ध तरीकों से हटाए जा रहे हैं। एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में नाम हटाने की प्रक्रिया संदिग्ध है और इससे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि "ईसीआई पोर्टल इतनी आसानी से कैसे हैक हो सकता है, या क्या अंदर से कोई मिलीभगत है?"। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने दावा किया कि राजुरा विधानसभा क्षेत्र में 6,850 वोटों में हेराफेरी हुई और इस मामले में खुद राज्य पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
बिहार में SIR को लेकर भी छिड़ी जंग।
राहुल गांधी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR के जरिए बिहार में चुनाव चोरी करने की साजिश की जा रही है । उन्होंने कहा कि इसके तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने की संभावना है, जिसमें ज्यादातर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं । राहुल गांधी ने कहा, "अब सबको पता चल गया है कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर पूरे देश में वोट की चोरी कर रहा है" । इस मामले में इंडिया गठबंधन ने एकजुट होकर SIR के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करने का ऐलान किया है और संसद से लेकर सड़कों तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है ।
चुनाव आयोग ने राहुल से मांगा हलफनामा।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए उनसे 7 दिन के भीतर एफिडेविट देने या फिर पूरे देश से माफी मांगने को कहा है । आयोग ने कहा कि राहुल गांधी ने जो डेटा पेश किया है, वह आयोग का अपना डेटा है, इसलिए उनसे हलफनामा मांगा जा रहा है । राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब कुछ दिन पहले मैंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया तो निर्वाचन आयोग ने मुझसे हलफनामा मांगा। जब कुछ दिन पहले भाजपा के लोगों ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया तो उनसे कोई हलफनामा नहीं मांगा गया" । उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग भाजपा के लोगों के लिए अलग नियम बनाता है।
विपक्ष और सत्तापक्ष में तीखी तकरार।
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिल रही है। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने राहुल गांधी को "वोट चोरी का बादशाह" बताते हुए माफ़ी की मांग की और कहा कि केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से कुछ साबित नहीं होगा, कांग्रेस को कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इन आरोपों को 'बचकाना' बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली 'भारी हार' को पचा नहीं पा रही है, इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े की मांग की है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का हवाला।
राहुल गांधी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली का हवाला देते हुए अपने आरोपों को मजबूत किया है। जनवरी 2024 में चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन के दौरान चुनाव अधिकारी पर धांधली करके भाजपा प्रत्याशी को जिताने का आरोप लगा था । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CCTV फुटेज चेक कराए गए, इसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के बैलट पेपर से छेड़छाड़ करते दिखे । इस पर चुनाव आयोग ने फिर से वोटिंग के आदेश दिए थे और री-इलेक्शन में आप-कांग्रेस कैंडिडेट की जीत हुई थी । राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में भी ऐसी ही धांधली हुई है, लेकिन आयोग सीसीटीवी फुटेज जारी नहीं कर रहा है।
राजुरा सीट पर ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का आरोप।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की राजुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां वोटों में हेरफेर के लिए ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि इस सीट पर 6,850 वोटों में हेराफेरी हुई और राज्य पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, "अब जब फडणवीस के ही गृह विभाग की पुलिस ने हेरफेर की पुष्टि की है तो महायुति सरकार के पास सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है"। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री तुरंत इस्तीफा दें।
विपक्ष की वोटर अधिकार यात्रा।
इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष ने बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू की है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी और तेजस्वी यादव कर रहे हैं । इस यात्रा का उद्देश्य जनता को SIR और वोट चोरी के बारे में जागरूक करना है। राहुल गांधी ने कहा कि यह संविधान को बचाने की लड़ाई है और आरएसएस व भाजपा संविधान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं । उन्होंने कहा, "जहां भी वोट की चोरी हो रही है, वहां हम यह चोरी पकड़कर जनता को बताएंगे" । विपक्ष ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने का फैसला किया है।
चुनाव आयोग के नियमों में बदलाव।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के मामले के बाद चुनाव आयोग ने दो बार नियमों में बदलाव किया था । आयोग ने 21 जून को कहा था कि वोटिंग सेंटर्स की वेबकास्टिंग की CCTV फुटेज शेयर करना सही नहीं है, क्योंकि इससे वोटर्स की पहचान करना आसान हो जाएगा और वे असामाजिक तत्वों के दबाव का शिकार हो सकते हैं । आयोग ने कहा कि ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के कानूनी प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन होगा । राहुल गांधी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि आयोग पारदर्शिता से बच रहा है।
Public Impact Analysis:
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों ने भारतीय लोकतंत्र की नींव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता के मन में चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर संदेह पैदा हुआ है। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो इससे देश के लोकतांत्रिक ढांचे को गंभीर झटका लग सकता है। दूसरी ओर, अगर ये आरोप निराधार साबित होते हैं, तो इससे विपक्ष की विश्वसनीयता खतरे में पड़ सकती है। महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। आम नागरिकों का मतदान प्रक्रिया में विश्वास डगमगा सकता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। सरकार और चुनाव आयोग को जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
.jpg)