Google का झटका! 87% वेबसाइटों का डेटा एक रात में गायब, SEO Experts की नींद उड़ी
तारीख: 21 सितंबर 2025
क्या आपकी वेबसाइट के ट्रैफिक में भी अचानक गिरावट आई है? क्या Google Search Console में इंप्रेशन अचानक से नीचे गिरे हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। Google ने 12 सितंबर 2025 को चुपचाप एक ऐसा बदलाव किया है जिसने पूरे SEO इंडस्ट्री को हिलाकर रख दिया है। &num=100 पैरामीटर को हटाने का मतलब है कि अब SEO टूल्स पहले जैसा डेटा नहीं इकट्ठा कर पाएंगे, और इसका सीधा असर वेबसाइटों के इंप्रेशन, रैंकिंग और कीवर्ड दृश्यता पर पड़ा है। LOCOMOTIVE एजेंसी के तकनीकी SEO निदेशक टायलर गर्गुला के एक नए अध्ययन के मुताबिक, 87.7% साइटों के इंप्रेशन में भारी गिरावट आई है, और 77.6% साइटों ने अपने यूनिक रैंकिंग कीवर्ड खो दिए हैं। ये आंकड़े डरावने हैं, लेकिन असलियत यही है।
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| Google Update 2025 SEO Data Loss |
क्या है ये &num=100 पैरामीटर?
Google में जब आप कोई सर्च करते हैं, तो डिफॉल्ट रूप से 10 रिजल्ट्स दिखाई देते हैं। पहले, &num=100 पैरामीटर का इस्तेमाल करके आप 100 रिजल्ट्स एक ही पेज पर देख सकते थे। SEO टूल्स इस पैरामीटर का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर डेटा इकट्ठा करते थे, जिससे वेबसाइटों के इंप्रेशन और रैंकिंग का सही अंदाजा लगता था। लेकिन अब Google ने इस पैरामीटर को डिसेबल कर दिया है, जिसका मतलब है कि अब सिर्फ 10 रिजल्ट्स ही एक पेज पर दिखेंगे। इससे SEO टूल्स को अब 10 गुना ज्यादा रिक्वेस्ट्स भेजनी होंगी उसी डेटा को इकट्ठा करने के लिए, जिससे उनकी लागत बढ़ गई है और डेटा की क्वालिटी भी प्रभावित हुई है ।इंप्रेशन और रैंकिंग पर क्या असर पड़ा?
जैसा कि रिपोर्ट्स में सामने आया है, 87.7% वेबसाइटों के इंप्रेशन में गिरावट आई है, खासकर डेस्कटॉप सर्च में। इसकी वजह यह है कि पहले बॉट्स और स्क्रैपिंग टूल्स &num=100 पैरामीटर का इस्तेमाल करके 100 रिजल्ट्स एक साथ देख लेते थे, जिससे इंप्रेशन की संख्या बढ़-चढ़कर दिखती थी। अब यह सुविधा नहीं है, तो इंप्रेशन की संख्या वास्तविक यूजर बिहेवियर के करीब पहुंच गई है। साथ ही, औसत रैंकिंग में सुधार देखा गया है, क्योंकि अब निचली रैंक (जैसे पेज 3 या उसके बाद) वाले कीवर्ड्स के इंप्रेशन कम हो गए हैं, और टॉप रैंक वाले कीवर्ड्स ज्यादा दिख रहे हैं ।कीवर्ड दृश्यता पर प्रभाव
कीवर्ड दृश्यता भी इस बदलाव से प्रभावित हुई है। 77.6% साइटों ने अपने यूनिक रैंकिंग कीवर्ड खो दिए हैं, यानी ऐसे कीवर्ड जिन पर वे पहले रैंक करते थे, अब वे Google Search Console में दिखाई नहीं दे रहे हैं। शॉर्ट-टेल और मिड-टेल कीवर्ड्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, क्योंकि ये कीवर्ड्स अक्सर हाई कॉम्पिटिशन वाले होते हैं और इन्हें मेन्टेन करना मुश्किल होता है। अब जबकि सिर्फ 10 रिजल्ट्स per page दिख रहे हैं, लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स की दृश्यता और भी कम हो गई है ।SEO टूल्स और डेटा एक्यूरेसी
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर SEO टूल्स पर पड़ा है। Semrush और Accuranker जैसे प्लेटफॉर्म्स ने माना है कि उनके डेटा में व्यवधान आया है, और वे इसे ठीक करने पर काम कर रहे हैं। Brodie Clark जैसे SEO एक्सपर्ट्स का मानना है कि num=100 पैरामीटर से जुड़े स्क्रैपर्स ने सालों तक Google Search Console के मेट्रिक्स को विकृत किया है, और अब डेटा ज्यादा सटीक होगा। हालाँकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि यह बदलाव स्थायी है या अस्थायी, लेकिन SEO Industry इसे लेकर चिंतित है ।वेबसाइट मालिकों के लिए क्या मायने हैं?
अगर आपकी वेबसाइट के इंप्रेशन अचानक गिरे हैं, तो घबराएं नहीं। यह जरूरी नहीं कि आपकी वेबसाइट की रैंकिंग वास्तव में गिरी हो, बल्कि यह डेटा मापने के तरीके में बदलाव की वजह से हुआ है। Google का कहना है कि इससे वास्तविक यूजर बिहेवियर का बेहतर अंदाजा लगेगा, और इंप्रेशन की जगह क्लिक्स और CTR जैसे मेट्रिक्स पर ध्यान देना चाहिए। वेबसाइट मालिकों को अब अपनी SEO स्ट्रैटेजी को रिबैलेंस करना होगा, और लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स पर ज्यादा फोकस करना होगा ।पब्लिक इम्पैक्ट एनालिसिस
इस बदलाव का सीधा असर छोटे व्यवसायों और ब्लॉगर्स पर पड़ा है, जो SEO पर निर्भर हैं। उन्हें अब अपनी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी बदलनी होगी और डेटा के नए तरीकों से एडजस्ट करना होगा। हालाँकि, अच्छी खबर यह है कि अब डेटा ज्यादा सटीक है, और वास्तविक यूजर इंटरेक्शन को बेहतर तरीके से मापा जा सकता है। इससे लॉन्ग टर्म में SEO अधिक प्रभावी हो सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म में यह चुनौतीपूर्ण है ।आगे की राह
Google ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यह बदलाव स्थायी है या नहीं, लेकिन SEO Industry को इसके साथ एडजस्ट करना होगा। वेबसाइट मालिकों को अपने डेटा पर नजर रखनी चाहिए, और SEO टूल्स के अपडेट्स को फॉलो करना चाहिए। साथ ही, कंटेंट क्वालिटी और यूजर एक्सपीरियंस पर ज्यादा फोकस करना चाहिए, क्योंकि अब डेटा की एक्यूरेसी बढ़ गई है ।❓ Google Data Loss Update 2025 – FAQ
Q1. Google के इस अपडेट से कितनी वेबसाइटें प्रभावित हुई हैं?
👉 रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 87.7% वेबसाइटों के इंप्रेशन में गिरावट आई है और 77.6% साइटों ने यूनिक कीवर्ड्स खो दिए हैं।
Q2. &num=100 पैरामीटर क्या है और इसे हटाने का असर क्या पड़ा?
👉 पहले &num=100 पैरामीटर से एक बार में 100 रिजल्ट्स दिखते थे। SEO टूल्स इसे इस्तेमाल करके डेटा इकट्ठा करते थे। अब यह हटने से सिर्फ 10 रिजल्ट्स मिलते हैं, जिससे SEO टूल्स की डेटा क्वालिटी प्रभावित हुई है।
Q3. क्या मेरी वेबसाइट की रैंकिंग सच में गिर गई है?
👉 जरूरी नहीं। इंप्रेशन घटने का मतलब हमेशा रैंकिंग गिरना नहीं है। यह बदलाव डेटा मापने के तरीके का नतीजा है।
Q4. SEO Experts इस बदलाव को कैसे देख रहे हैं?
👉 कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अब डेटा ज्यादा सटीक और यूजर बिहेवियर आधारित होगा। लेकिन शॉर्ट टर्म में यह बदलाव SEO इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण है।
Q5. SEO Tools जैसे Semrush या Accuranker पर इसका क्या असर पड़ा है?
👉 इन टूल्स ने माना है कि डेटा में व्यवधान आया है और वे इसे फिक्स करने पर काम कर रहे हैं।
Q6. Website Owners को अब किस पर फोकस करना चाहिए?
👉 अब सिर्फ इंप्रेशन पर निर्भर न रहें। Clicks, CTR, Content Quality और User Experience पर ज्यादा ध्यान दें।
Q7. क्या यह बदलाव स्थायी है या अस्थायी?
👉 अभी Google ने साफ नहीं किया है कि यह बदलाव स्थायी है या नहीं। लेकिन इंडस्ट्री को इसके साथ एडजस्ट करना पड़ेगा।
Q8. छोटे व्यवसायों और ब्लॉगर्स पर इसका क्या असर पड़ेगा?
👉 शॉर्ट टर्म में उन्हें ट्रैफिक लॉस झेलना पड़ सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बदलाव अधिक वास्तविक और विश्वसनीय SEO डेटा देगा।
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