खबर: किसानों की मदद में फार्मर आईडी बनी रोड़ा, सरकार के नए नियम ने बढ़ाई मुसीबत!
लेखक: आज की ताजा खबर NEWS | २८ सितंबर २०२५
मराठवाड़ा में बाढ़ से तबाह हुए किसानों पर एक और मुसीबत आन पड़ी है। अब उन्हें नुकसान की भरपाई के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य कर दी गई है। सरकार के इस फैसले ने पहले से परेशान किसानों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। बाढ़ की तबाही के बाद अब सरकारी नियमों का सामना, यह नई चुनौती किसानों के सामने खड़ी हो गई है।
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| सरकार का ऐलान: किसान आईडी के बिना नहीं मिलेगी सहायता राशि। |
क्या है यह सरकारी फैसला
२९ अप्रैल २०२५ के सरकारी आदेश के मुताबिक, १५ जुलाई २०२५ से प्राकृतिक आपदा की वजह से हुई फसल क्षति की भरपाई के लिए फार्मर आईडी होना जरूरी कर दिया गया है। यानी जिन किसानों के पास यह आईडी नहीं होगी, उन्हें कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाएगी। यह नियम कृषि विभाग की अग्रिस्टैक योजना के तहत लागू किया गया है।
एग्रीस्टैक क्या है
अग्रिस्टैक केंद्र सरकार की एक डिजिटल पहल है जिसका मकसद किसानों को सीधे योजनाओं का फायदा पहुंचाना है। इसके तहत हर किसान को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाता है जो उसकी जमीन से जुड़ा होता है। इस आईडी के जरिए सारी सरकारी सुविधाएं आसानी से मिल सकेंगी।
एग्रीस्टैक के मुख्य उद्देश्य:
किसानों के लिए सुविधा:
किसानों को आसानी से ऋण, बीज और अन्य कृषि सामग्री तक पहुँच प्रदान करना।
डेटा-संचालित सेवाएँ:
किसानों के डेटा का उपयोग करके स्थानीय और विशिष्ट सलाह देना।
सरकारी योजनाओं का लाभ:
विभिन्न सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का वितरण किसानों तक तेज़ी से पहुँचाना।
सत्यापित जानकारी:
एक सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस बनाना जिसमें प्रत्येक किसान
की जानकारी शामिल हो, जिससे उनकी पहचान और प्रमाणीकरण में आसानी हो।
फार्मर आईडी न होने के नुकसान
जिन किसानों के पास अभी तक फार्मर आईडी नहीं बनी है, उन्हें बाढ़ राहत राशि मिलने में दिक्कत आएगी। अब पंचनामा करते समय भी इस आईडी का जिक्र जरूरी होगा। भविष्य में सारी कृषि योजनाओं का लाभ इसी के जरिए मिलेगा।
कैसे बनवाएं फार्मर आईडी
किसान इस आईडी को बनवाने के लिए अपने गांव के तहसीलदार, तलाटी या नजदीकी सीएससी सेंटर पर संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और जमीन के कागजात की जरूरत होगी। प्रक्रिया बहुत आसान और तेज है।
किसानों की मुश्किलें बढ़ीं
बाढ़ से जूझ रहे किसानों के लिए अब यह नया नियम एक बड़ी चुनौती बन गया है। कई किसानों को डिजिटल प्रक्रिया की जानकारी नहीं है तो कुछ के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि वह गांव-गांव जाकर किसानों को इसकी जानकारी दे।
सरकार का लक्ष्य क्या है
सरकार का कहना है कि इससे मदद का पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि किसानों को इसकी सही जानकारी नहीं दी गई है।
क्या करें किसान
अगर अभी तक आपने फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो तुरंत इसकी प्रक्रिया शुरू कर दें। अपने सारे जरूरी कागजात तैयार रखें और गांव के अधिकारियों से संपर्क करें। देरी करने पर भविष्य में मदद न मिलने का खतरा है।
जनता पर प्रभाव
यह फैसला एक तरफ तो डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ाया गया कदम है लेकिन दूसरी तरफ इससे गरीब और अनपढ़ किसानों को मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार को चाहिए कि वह पहले हर किसान तक इसकी जानकारी पहुंचाए।
कॉल टू एक्शन
किसान भाइयों, अगर अभी तक आपने फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो आज ही अपने दस्तावेज लेकर नजदीकी सीएससी सेंटर पहुंचें। यह छोटी सी कोशिश आपको भविष्य में बड़ी मदद दिला सकती है। बाढ़ राहत राशि पाने के लिए यह जरूरी कदम है।
FAQ – फार्मर आईडी और सरकारी नियम से जुड़ी अहम बातें
Q1. फार्मर आईडी क्या है?
फार्मर आईडी एक यूनिक डिजिटल पहचान है जो हर किसान को दी जाती है। यह उनकी जमीन और खेती से जुड़ी जानकारी से लिंक रहती है और इसी के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसान के खाते में पहुंचता है।
Q2. सरकार ने फार्मर आईडी कब से अनिवार्य की है?
29 अप्रैल 2025 के सरकारी आदेश के मुताबिक, 15 जुलाई 2025 से प्राकृतिक आपदा (जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि) में फसल क्षति की भरपाई के लिए फार्मर आईडी होना अनिवार्य कर दिया गया है।
Q3. अगर किसी किसान के पास फार्मर आईडी नहीं है तो क्या होगा?
जिन किसानों के पास फार्मर आईडी नहीं है, उन्हें बाढ़ राहत या किसी भी सरकारी मदद का पैसा नहीं मिल पाएगा। भविष्य की सारी कृषि योजनाओं का लाभ भी इसी आईडी से मिलेगा।
Q4. फार्मर आईडी कहां और कैसे बनवाएं?
किसान अपने गांव के तहसीलदार, तलाटी या नजदीकी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर फार्मर आईडी बनवा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और जमीन के कागजात जरूरी हैं।
Q5. क्या फार्मर आईडी बनवाना मुश्किल है?
नहीं, प्रक्रिया बहुत आसान है। किसान अपने आधार और जमीन से जुड़े दस्तावेज लेकर नजदीकी केंद्र पर जाएं। कुछ ही समय में आईडी बन जाती है।
Q6. क्या सरकार किसानों की मदद कर रही है फार्मर आईडी बनाने में?
सरकार ने कहा है कि उसका मकसद पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकना है। हालांकि, जमीनी स्तर पर अभी किसानों को ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। सरकार को गांव-गांव जाकर प्रचार करना चाहिए।
Q7. क्या फार्मर आईडी सिर्फ बाढ़ राहत के लिए जरूरी है?
नहीं, यह आगे चलकर हर सरकारी योजना जैसे बीमा, सब्सिडी और फसल क्षतिपूर्ति के लिए जरूरी होगी। यानी बिना फार्मर आईडी किसान को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
Q8. किसानों को अभी क्या करना चाहिए?
किसानों को तुरंत अपने दस्तावेज तैयार करके नजदीकी CSC सेंटर या तहसील कार्यालय से फार्मर आईडी बनवानी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी सरकारी मदद से वंचित न रह जाएं।
🛑 अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी आदेशों, मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। हम इसकी पूर्ण सटीकता या ताज़ा अपडेट की गारंटी नहीं देते। किसी भी योजना, राहत राशि या सरकारी सहायता के लिए कृपया अपने नज़दीकी तहसील कार्यालय, कृषि विभाग या आधिकारिक सरकारी पोर्टल से संपर्क करें। इस लेख का उद्देश्य किसानों को जागरूक करना है, न कि किसी भी तरह की कानूनी, वित्तीय या सरकारी सलाह देना।
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