महाराष्ट्र राजनीति में भूचाल: शरद पवार के 'विश्वस्त' उत्तम जानकर ने शिंदे को कहा 'कर्ण', क्या NCP छोड़कर शिवसेना में होगा शामिल?
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से उबलने लगी है और इस बार आग पूरे जोरों पर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी NCP के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के करीबी माने जाने वाले उत्तम जानकर के एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। जानकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए उन्हें महाभारत के कर्ण जैसा दानवीर बताया है। इस बयान ने सभी को चौंका दिया है और अब सवाल उठ रहा है कि क्या उत्तम जानकर अब NCP छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने वाले हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि जानकर का ये बयान कोई आम तारीफ नहीं लग रहा बल्कि राजनीतिक पालेबाजी का एक बड़ा संकेत माना जा रहा है ।
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| "शरद पवार के 'विश्वस्त' की दिल बदलने की दस्तक! क्या शिवसेना की ओर बढ़ रहा है एक और बड़ा चेहरा?" |
डोलास के बेटे ने किया बड़ा दावा
इस पूरे मामले में सबसे पहले बात करते हैं संकल्प डोलास की। संकल्प डोलास, जो पूर्व विधायक हनुमंत डोलास के बेटे हैं, उन्होंने एक बहुत बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि उत्तम जानकर अब शिवसेना शिंदे गुट के रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि जानकर की सोच और उनकी ताजा बयानबाजी साफ कर रही है कि वो जल्द ही अपना पाला बदल सकते हैं। यानी NCP छोड़कर शिवसेना में जा सकते हैं। डोलास का ये बयान राजनीतिक गलियारों में बम की तरह गिरा है।
शिंदे को कर्ण बताने वाला बयान
अब बात करते हैं उस बयान की जिसने इस आग में घी का काम किया है। उत्तम जानकर ने सोलापुर में आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में कुछ ऐसा कह दिया जिसने सबको हैरान कर दिया। जानकर ने शिंदे को महाभारत के कर्ण जैसा दानवीर बताया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में शिंदे जैसा नेकदिल इंसान नहीं देखा। ये बयान उस नेता का है जो शरद पवार के इतने करीबी माने जाते हैं। तो सवाल तो बनता है कि क्या ये सिर्फ तारीफ थी या फिर कोई संदेश था।
जानकर की नाराजगी का लंबा इतिहास
उत्तम जानकर की नाराजगी कोई नई बात नहीं है। वो पहले भी ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। उनका कहना है कि ईवीएम से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो रही हैं। वो बैलेट पेपर की वापसी की मांग करते रहे हैं। उनकी इस नाराजगी को देखते हुए लगता है कि वो अपनी पार्टी की नीतियों से खुश नहीं हैं। और अब जब उन्होंने शिंदे की इतनी तारीफ की है, तो ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि शायद वो सत्ता के करीब जाने का रास्ता देख रहे हैं।
किस बयान ने मचाई है सनसनी
उत्तम जानकर ने सोलापुर में आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में कुछ ऐसा कह दिया जिसने सबको हैरान कर दिया। जानकर ने शिंदे को महाभारत के कर्ण जैसा दानवीर बताया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में शिंदे जैसा नेकदिल इंसान नहीं देखा। ये बयान उस नेता का है जो शरद पवार के इतने करीबी माने जाते हैं। तो सवाल तो बनता है कि क्या ये सिर्फ तारीफ थी या फिर कोई संदेश था। जानकर के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और हर कोई यही जानना चाह रहा है कि आखिर इतनी गुप्त चर्चा का मकसद क्या है ।
संकल्प डोलास ने किया बड़ा दावा
इस पूरे मामले में सबसे पहले बात करते हैं संकल्प डोलास की। संकल्प डोलास, जो पूर्व विधायक हनुमंत डोलास के बेटे हैं, उन्होंने एक बहुत बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि उत्तम जानकर अब शिवसेना शिंदे गुट के रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि जानकर की सोच और उनकी ताजा बयानबाजी साफ कर रही है कि वो जल्द ही अपना पाला बदल सकते हैं। यानी NCP छोड़कर शिवसेना में जा सकते हैं। डोलास का ये बयान राजनीतिक गलियारों में बम की तरह गिरा है और अब सभी की नजरें उत्तम जानकर के अगले कदम पर टिकी हैं ।
उत्तम जानकर की नाराजगी का लंबा इतिहास
उत्तम जानकर की नाराजगी कोई नई बात नहीं है। वो पहले भी ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। उनका कहना है कि ईवीएम से लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो रही हैं। वो बैलेट पेपर की वापसी की मांग करते रहे हैं। उनकी इस नाराजगी को देखते हुए लगता है कि वो अपनी पार्टी की नीतियों से खुश नहीं हैं। और अब जब उन्होंने शिंदे की इतनी तारीफ की है, तो ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि शायद वो सत्ता के करीब जाने का रास्ता देख रहे हैं। जानकर का ये कदम NCP के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है ।
शरद पवार के लिए बड़ा झटका होगा
अगर उत्तम जानकर वाकई NCP छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में चले जाते हैं, तो यह शरद पवार और उनकी पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा। जानकर न सिर्फ एक वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि उनका एक अलग वोट बैंक भी है। उनके जाने से महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ताकत पर सीधा असर पड़ेगा। इससे पार्टी के भीतर भी असंतोष की लहर दौड़ सकती है। और तो और, आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारे पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है। पवार के लिए ये एक बड़ी चुनौती होगी ।
NCP में पहले से ही चल रहा है संकट
NCP पहले से ही संकट के दौर से गुजर रही है। पार्टी में दो गुट बन चुके हैं - एक शरद पवार का और दूसरा अजित पवार का। अजित पवार ने पार्टी के ज्यादातर विधायकों के साथ मिलकर सत्ता पक्ष का समर्थन किया है और खुद को असली NCP बताने की कोशिश कर रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता भी अजित पवार के साथ खड़े हैं और उन्होंने शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठकों को अवैध बताया है। ऐसे में उत्तम जानकर का बयान पार्टी के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है ।
शिवसेना शिंदे गुट की क्या है रणनीति
शिवसेना शिंदे गुट लगातार अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। वो NCP और कांग्रेस के नेताओं को अपने साथ मिलाने की रणनीति पर काम कर रहा है। एकनाथ शिंदे की लोकप्रियता और सत्ता के करीब होना भी नेताओं को आकर्षित कर रहा है। अगर उत्तम जानकर वाकई शिवसेना में शामिल होते हैं तो इससे शिंदे गुट को काफी फायदा होगा। उनकी साख और मजबूत होगी और आने वाले चुनावों में उन्हें ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद बढ़ेगी। शिंदे गुट की यही रणनीति है कि वो विपक्ष के नेताओं को अपने साथ मिलाकर अपनी ताकत बढ़ाए ।
महाविकास अघाड़ी पर क्या पड़ेगा असर
महाविकास अघाड़ी जिसमें शिवसेना (ठाकरे गुट), NCP (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं, उस पर इसका सीधा असर पड़ेगा। उत्तम जानकर के चले जाने से NCP की ताकत कम होगी और गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे गठबंधन की एकजुटता पर भी सवाल उठेंगे और विपक्षी दल इसे भुनाने की कोशिश करेंगे। आने वाले चुनावों में सीट बंटवारे पर भी इसका असर देखने को मिलेगा और गठबंधन के लिए चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है। महाविकास अघाड़ी के लिए ये एक बड़ी चुनौती होगी ।
जनता की क्या है प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर आम जनता की प्रतिक्रिया अलग अलग है। कुछ लोग इसे सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट मान रहे हैं तो कुछ का कहना है कि ये सत्ता के लालच में की जा रही पालेबाजी है। जनता का एक बड़ा तबका इससे नाराज है और उन्हें लगता है कि नेता अपने स्वार्थ के लिए पार्टियां बदलते रहते हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि उत्तम जानकर का बयान सही है और शिंदे वाकई एक अच्छे इंसान हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूफान ला दिया है और लोग अपनी अपनी राय दे रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की क्या है राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तम जानकर का बयान कोई सामान्य बात नहीं है। ये राजनीतिक पालेबाजी का एक हिस्सा लग रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है और जानकर का शिवसेना में शामिल होना कोई बड़ी बात नहीं होगी। उनका कहना है कि अगर जानकर ने ऐसा कदम उठाया तो इससे राज्य की राजनीति का नक्शा ही बदल सकता है। विश्लेषकों ने ये भी कहा है कि इससे NCP और कमजोर होगी और शिवसेना शिंदे गुट को फायदा होगा।
क्या होगा आगे का रास्ता
अब सबकी नजरें उत्तम जानकर के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या वो वाकई NCP छोड़कर शिवसेना में शामिल होंगे? या फिर ये सिर्फ एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है? अगले कुछ दिनों में होने वाली घटनाएं ही इसका जवाब देंगी। एक बात तो तय है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अब एक नया और दिलचस्प मोड़ आने वाला है। जानकर जो भी फैसला लेंगे, उसका असर राज्य की राजनीति पर जरूर पड़ेगा।
निष्कर्ष: एक नए युग की शुरुआत
इस पूरे मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत कर दी है। उत्तम जानकर का बयान और संकल्प डोलास का दावा, दोनों ही इस ओर इशारा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। क्या यह शरद पवार के लिए एक चेतावनी है? या फिर ये सिर्फ एक नेता का अपने नेता से मोहभंग है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तो तय है कि अगर जानकर ने पलटी मारी, तो राज्य की सियासत का नक्शा ही बदल सकता है। आने वाले दिनों में राजनीति और भी गर्म होने वाली है।
शरद पवार के लिए बड़ा झटका होगा
अगर उत्तम जानकर वाकई NCP छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में चले जाते हैं, तो यह शरद पवार और उनकी पार्टी के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा। जानकर न सिर्फ एक वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि उनका एक अलग वोट बैंक भी है। उनके जाने से महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ताकत पर सीधा असर पड़ेगा। इससे पार्टी के भीतर भी असंतोष की लहर दौड़ सकती है। और तो और, आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारे पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल सकता है।
राजनीतिक शिफ्ट की चेतावनी
कुल मिलाकर ये पूरा मामला एक राजनीतिक शिफ्ट की चेतावनी की तरह लग रहा है। उत्तम जानकर का बयान और संकल्प डोलास का दावा, दोनों ही इस ओर इशारा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। क्या यह शरद पवार के लिए एक चेतावनी है? या फिर ये सिर्फ एक नेता का अपने नेता से मोहभंग है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तो तय है कि अगर जानकर ने पलटी मारी, तो राज्य की सियासत का नक्शा ही बदल सकता है।
आपकी राय क्या है?
आपको क्या लगता है? क्या उत्तम जानकर सच में NCP छोड़ देंगे? या फिर ये सिर्फ एक राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं। और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि Maharashtra politics की ये latest news.
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